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गोवा में CM के निधन के बाद से राज्य में नए मुख्यमंत्री की तलाश शुरू, गठबंधन के सहयोगी दल और बीजेपी में नहीं बन पाई सहमति, विधायक ने की खुद की दावेदारी

नई दिल्ली: गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के कैंसर से निधन के बाद से राज्य में नए मुख्यमंत्री की तलाश हो रही है. क्षेत्रीय दलों के साथ यहां गठबंधन सरकार चली रही बीजेपी अपनी पार्टी से ही किसी नेता को नए सीएम दावेदार के रूप में पेश करना चाहती है, मगर एक प्रमुख सहयोगी दल के विधायक ने खुद की दावेदारी ठोककर बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. पर्रिकर के निधन के बाद पणजी पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में बीजेपी और गठबंधन नेताओं की हुई बैठक में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में आम सहमति नहीं बन सकी. बीजेपी विधायक मिशेल लोबो ने कहा कि महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी(एमजीपी) के विधायक सुदिन धावलीकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.

एक होटल में देर रात तक चली बैठक के बाद बीजेपी नेता लोबो ने कहा कि सुदीन धवलीकर खुद को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि भाजपा चाहती है कि गठबंधन का नेता उनके दल से हो. हम मीटिंग में किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके. पर्रिकर (63) का रविवार को उनके निजी आवास पर अग्नाशय कैंसर से निधन हो गया. आधिकारिक तौर पर कहा गया था कि वह अग्नाशय संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं.वह गोवा में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे जिसमें भाजपा, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल हैं. रविवार को हुई बैठक में गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई सहित उनके तीन विधायकों और एमजीपी के तीन विधायकों ने राज्य परिवहन मंत्री सुदीन धवलीकर के नेतृत्व में हिस्सा लिया. बैठक में प्रदेश भाजपा के संगठन महासचिव सतीश धोंड, निर्दलीय विधायक और राज्य के राजस्व मंत्री रोहन खौंते तथा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गावडे भी मौजूद थे.

धोंड बैठक के बीच से ही बाहर आ गए और गठबंधन के नए नेता के चयन से जुड़े मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. सरदेसाई ने कहा कि अगले नेता का फैसला गठबंधन के सभी सहयोगियों के मिलने के बाद होगा. उन्होंने कहा कि किसी गैर-विधायक को मुख्यमंत्री बनाने की सलाह मिली है, हम उस पर भी विचार कर रहे हैं.यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन के सभी पुराने सहयोगी भाजपा के साथ हैं, सरदेसाई ने कहा कि किसी पर भी अति आत्मविश्वास नहीं करना चाहिए. पणजी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरुरत होगी. यह गोवा में चौथा उपचुनाव होगा. यहां 23 अप्रैल को शिरोडा, मांडरेम और मापुसा विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. इन सीटों के लिए उपचुनाव राज्य में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ होंगे.

राज्य विधायी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री पर्रिकर के निधन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना नेता चुनने के बाद राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करना होगा. इसमें समर्थन का पत्र भी होगा.” उन्होंने कहा, ‘‘यदि राज्यपाल (मृदुला सिन्हा) आश्वस्त नहीं होती हैं तो उन्हें सरकार बनाने के लिए अकेली सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना होगा.” पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर को 2017 में गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गई थी.कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है जबकि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में भाजपा के पास 12 विधायक हैं. गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के तीन..तीन विधायक हैं जबकि राकांपा का एक विधायक है.इस साल के शुरु में भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा और रविवार को पर्रिकर के निधन तथा पिछले साल कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपटे के इस्तीफे के कारण सदन में विधायकों की संख्या 36 रह गयी है.

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