मुंबई: गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की हार को ‘अहंकार और दंभ’ की पराजय बताते हुए शिवसेना ने शुक्रवार को अपने सहयोगी दल पर हमला करते हुए कहा कि 2019 के आम चुनावों में संसद के निचले सदन में पार्टी को कम से कम 110 सीटों का नुकसान झेलना पड़ेगा. शिवसेना ने अपने सहयोगी पर कटाक्ष करते हुए कहा अपने दोस्तों को छोड़ने वालों और झूठ का रास्ता अपनाने वालों की हार तय है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा है, ‘‘इन नतीजों ने भाजपा खेमे में खलबली मचा दी है. पार्टी के दो मजबूत किले – गोरखपुर और फूलपुर में सपा जीत गई.’
पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 10 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा 9 पर चुनाव हार गई. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा, ‘‘शुरुआत में लोकसभा में भाजपा के 282 सदस्य थे लेकिन अब यह संख्या 272 तक नीचे आ चुकी है. मोदी और शाह के नेतृत्व में भाजपा करीब-करीब सारे उपचुनाव हार चुकी है.’’ पार्टी ने सवाल किया है, ‘‘पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 325 सीटें जीतकर भाजपा ने रिकॉर्ड बनाया. योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने जबकि केशव मौर्य उपमुख्यमंत्री बने. वर्ष 1991 के बाद से आदित्यनाथ गोरखपुर सीट कभी नहीं हारे थे. लेकिन अब मुख्यमंत्री बनने के बावजूद उनकी पार्टी हार गयी. अगर भाजपा त्रिपुरा में वाम सरकार को हरा सकती है तो गोरखपुर में क्यों नहीं जीत सकती.’
बिहार में अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद विधानसभा सीट पर राजद की जीत का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा कि यह सब दिखाता है कि भाजपा जमीनी आधार खो चुकी है. शिवसेना ने कहा, ‘‘अब यह साफ है कि 2019 में भाजपा को 280 सीटें नहीं मिलने वालीं. सीटों की संख्या कम से कम 100-110 तक घट जाएगी. इसलिए भाजपा को जमीन पर रहना चाहिए. अपने दोस्तों को छोड़ने वालों और झूठ का रास्ता अख्तियार करने वालों की हार तय है. गिरना जब शुरू होता है तो कोई भी चाणक्य उस गिरावट को नहीं रोक सकता.’