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गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा नहीं हुआ तो होगा आंदोलन, लखनऊ में 26 को बड़ी पंचायत: राकेश टिकैत

अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा को मोदी सरकार से हटाने के लिए अब अल्टीमेटम दे दिया है। लखीमपुर में आयोजित अंतिम अरदास में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि गृहराज्यमंत्री का इस्तीफा नहीं होता तो यहीं से आंदोलन की घोषणा की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि लखनऊ में एक बड़ी पंचायत होगी। किसानों के अस्थि कलश देश के हर जिले में जांएगे और लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। राकेश टिकैत ने बताया कि 24 अक्टूबर को अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी। इसके बाद सभी लोग 26 को लखनऊ पहुंचेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा कि घटना के बाद शुरुआत में इंटरनेट बंद होने की वजह से सभी वीडियो नहीं आ सके। इससे प्रशासन किसानों को ही दोषी ठहराने में लगा था, लेकिन जब वीडियो आए तो सच सामने आ गया।

टिकैत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने 10 दिन पहले ही आंदोलन की शुरुआत करा दी थी, जब उन्होंने कहा था कि वह मंत्री, विधायक ही नहीं, कुछ और भी हैं। टिकैत ने कहा कि लोग केंद्रीय मंत्री से डरते हैं, इसलिए घायल होने के बावजूद भी तमाम लोग सामने नहीं आ रहे हैं।

राकेश टिकैत ने समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि समझौता जल्दी कर लिया, लेकिन उनको नहीं पता कि यह समझौता मानवता के आधार पर किया गया था। उस समझौते की सभी शर्तें अभी पूरी नहीं की गई हैं।

उन्होंने कहा कि समझौते पर सवाल उठाने वाले लोग फ्रीज में रखी हुई लाशों को अपने घर के आंगन में कितने दिन रख सकते हैं? यहां 19 साल के बेटे का शव रखा हुआ था। भाषण में राकेश टिकैत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी और सरकार पर हमलावर रहे।

उन्होंने न सिर्फ मंत्री की बर्खास्तगी, बल्कि तहरीर के मुताबिक मुकदमे में उनकी नामजदगी, गिरफ्तारी और दूसरे जिले की जेल में भेजे जाने की मांग उठाई।

राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि प्रदेश के सभी जिलों में तिकुनिया कांड में मारे गए पांच किसानों के अस्थि कलश ले जाए जाएंगे और उनको वहां की पवित्र नदियों में विसर्जित किया जाएगा। इसके लिए 24 अक्तूबर की तारीख तय की गई है।

मंच पर सभी किसानों के अस्थि कलश रखे गए थे। जिनको जिलों में ले जाने के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए गए। टिकैत ने कहा कि संघर्ष से समाधान तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने किसानों से कहा कि हमें शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाना है।

राकेश टिकैत ने किसानों के अंतिम अरदास में धान खरीद का मुद्दा भी उठाया। टिकैत ने कहा कि सेंटर अब तक चालू नहीं हुए हैं। किसान को हजार रुपए में धान बेचने में लुटना पड़ रहा है।

सरकार कह रही थी कि कहीं भी धान बेच सकते हैं तो अगली बार डीएम, एसडीएम के यहां ले जाकर धान रख देंगे। टिकैत ने पराली कानून पर भी कहा कि बिना पराली के कहीं धान पैदा हो सकता है क्या? वह बोले-जो अफसर पराली जलाने से रोकने आए, किसानों की पराली साथ ले जाए। 

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