नई दिल्ली/शिमला : कोटखाई गुडिय़ा रेप व मर्डर केस में सीबीआई ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। कार्रवाई के तहत सीबीआई ने प्रदेश सरकार की तरफ से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रमुख आईजी जहूर एच जैदी और डीएसपी मनोज जोशी सहित 8 पुलिस अफसरों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने केस के आरोपियों को बचाने में मदद की है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने जो एसआईटी गठित की थी उसमें भजन देव नेगी, डीएसपी रतन सिंह नेगी, ठियोग के डीएसपी मनोज जोशी, एसआई धर्मसेन नेगी, एएसआई राजीव कुमार, कोटखाई थाने के पूर्व एसएचओ राजेंद्र सिंह और एसआई दीपचंद शामिल थे। एसआईटी ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया था उनमें से भी एक ने दूसरे आरोपी का कत्ल हवालात में ही कर दिया था। इसके बाद भी प्रदेशवासी काफी गुस्से में थे और सड़कों पर उतरकर पुलिस के खिलाफ गुस्सा उतारा गया। दरअसल एसआईटी की जांच में कई ऐसे पहलु थे जो अनसुलझे थे। जिसके चलते लोगों में आक्रोश फूटा औऱ आंदोलन की राह अपनाई और कोटखाई थाना जला दिया।
सीबीआई की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं इस मामले में अभी और कई खुलासे हो सकते हैं। कोटखाई गुडिय़ा गैंगरेप हत्याकांड में पहले कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में इन्हें छोड़ दिया गया था।
जंगल में मारकर फेंका था गुडिय़ा को
उल्लेखनीय है कि 10वीं की एक छात्रा को लिफ्ट देने के बहाने छह लोगों ने जबरन कार में बिठाया और उसका गैंगरेप किया। उसके बाद उसे जंगल में मारकर फेंक दिया। दो दिनों बाद जब उसका शव बरामद हुआ तो इलाके में हडकंप मच गया। मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया।