नई दिल्ली: अरब सागर में हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण उत्पन्न चक्रवात ‘वायु’ महाराष्ट्र से उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ रहा है। 13 जून यानी कल ‘वायु’ चक्रवात गुजरात पहुंच जाएगा। राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। स्कूल और कॉलेज दो दिन (12 और 13 जून) के लिए बंद है। मौसम विभाग के आधिकारिक ट्वीट के मुताबिक चक्रवाती तूफान ‘वायु’ पिछले 6 घंटे में पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर उत्तर की ओर बहुत गंभीर तरीके आगे बढ़ा है। 12 जून को तड़के करीब 02:30 बजे पूर्वी मध्य अरब सागर में गोवा से 450 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में, मुंबई से 290 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और वेरावल (गुजरात) से लगभग 380 किमी की दूरी पर केंद्रित रहा।
मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, सुदूर समुद्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र तेजी से बनने के कारण ‘वायु’ के 13 जून को गुजरात के तटीय इलाकों पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र में पहुंचने की संभावना है। विभाग ने अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान के और अधिक गंभीर रूप धारण करने की संभावना व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तर की ओर बढ़ता ‘वायु’ 13 जून को सुबह गुजरात के तटीय इलाकों में पोरबंदर से महुवा, वेरावल और दीव क्षेत्र को प्रभावित करेगा। इसकी गति 140 से 150 किमी से 165 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। उधर चक्रवात ‘वायु’ से निपटने के लिये गुजरात प्रशासन हाई अलर्ट पर है,
जिसके गुरुवार को वेरावल के पास तट पर पहुंचने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि तटीय इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जायेगा। मौसम संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात ‘वायु’ वेरावल तट के करीब 650 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और अगले 12 घंटे में इसके तीव्र चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। यह तूफान 13 जून तक राज्य के तट पर पहुंच सकता है।
मौसम विभाग ने तूफान के मद्देनजर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में 13 और 14 जून को भारी बारिश होने और 110 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है। इसे देखते हुये गुजरात सरकार ने भी हाई अलर्ट जारी करते हुये सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स (एनडीआरएफ) के जवानों को तैनात किया है। तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। साथ ही बंदरगाहों को खतरे के संकेत और सूचना जारी करने को कहा गया है