अहमदाबाद। अरब सागर में उठे अत्यंत तीव्र (एक्स्ट्रीम्ली सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान ‘ताउ ते’ के आज रात आठ से 11 बजे के बीच गुजरात के महुवा (भावनगर) और पोरबंदर के बीच केंद्र शासित क्षेत्र दीव से 20 किमी पूर्व में तट से टकराने का अनुमान व्यक्त किया गया है। पहले इसके 18 मई की सुबह तट तक पहुंचने का अनुमान था। इस तूफ़ान के असर से पहले ही केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में ख़ासी तबाही मची है।
मौसम विभाग की बुलेटिन के अनुसार यह तूफ़ान आज दोपहर बाद साढ़े चार बजे दीव तट से 90 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था और इससे पहले के छह घंटे के दौरान 17 किमी प्रति घंटा की औसत गति से आगे बढ़ रहा था। इसके गुजरात तट के और क़रीब पहुंचने के दौरान हवाओं की रफ़्तार 155 से लेकर 185 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।
इसके साथ तटीय गुजरात में भावनगर, बोटाद, वलसाड, नवसारी, गिर सोमनाथ, अमरेली, जूनागढ़ आदि में भारी से अति भारी और कहीं कहीं अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, वलसाड आदि में भारी से अति भारी वर्षा भी हो सकती है। तूफ़ान के असर से पिछले 24 घंटे में 80 से अधिक तालुक़ा में बरसात हुई है। तटवर्ती इलाक़ों में तेज़ हवाओं के साथ अब भी छिटपुट बारिश हो रही है जिसके रात तक और तेज़ होने की सम्भावना है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी स्थिति पर सतत नज़र बनाए हुए हैं। तूफ़ान के मद्देनज़र राज्य में कोरोना टीकाकरण का काम आज और कल पूरी तरह बंद रखने का फ़ैसला किया गया है।
राज्य ने आपदा नियंत्रण सम्बंधी कार्यों की निगरानी कर रहे राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि राहत कार्य के लिए कुल मिलाकर एनडीआरएफ की 44, एसडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गयी हैं। 17 जिलों के 840 गावों से दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों यानी तैयार किए गए दो हज़ार से अधिक आश्रय स्थलों पर स्थानांतरित किया जा चुका है। इनमे से सवा लाख पांच जिलों भावनगर, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, अमरेली और जूनागढ़ के हैं। इस दौरान कोरोना सम्बंधी सभी मानकों का पालन किया गया।
तूफ़ान के सम्भावित असर वाले जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सम्भावित इलाक़ों में बिजली आपूर्ति पर असर की आशंका के मद्देनज़र ज़रूरी पावर बैक अप की व्यवस्था की जा रही है। बिजली विभाग की 661 टीमें भी तैयार रखी गयी हैं। स्वास्थ्य विभाग की 744 टीमें और राजस्व अधिकारियों की 319 टीमें भी तैनात की गयी हैं। 161 आईसीयू एम्बुलेंस और मरीज़ों को निशुल्क अस्पताल तक पहुंचाने वाली 108 नम्बर की 607 एम्बुलेंस भी तैनात कर दी गयी हैं।
ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए सड़कों पर ग्रीन कॉरिडर तैयार किए गए हैं। समुद्र में उथल पुथल के चलते मछुआरों को पांच दिनों तक इसमें जाने की अनुमति नहीं दी गयी है। 19811 मछुआरों को वापस बुलाया गया है, समुद्र में अब एक भी नौका नहीं है। गुजरात के वेरावल, पीपवाव, जाफ़राबाद आदि बंदरगाहों पर भी अति गम्भीर श्रेणी नम्बर का 10 नम्बर का चेतावनी सिग्नल लगा दिया गया है। पोरबंदर, सिक्का, नवलखी, बेडी, न्यू कांडला, मांडवी और जखौ बंदरगाहों पर आठ नम्बर का सिग्नल है।
मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि तूफ़ान, भारी वर्षा और तेज़ हवाओं के कारण तटीय इलाक़ों में कच्चे, पक्के मकानों, सड़कों, बिजली के खम्बों, पेड़ों और फ़सलों आदि को नुक़सान हो सकता है। इसमें ख़तरे वाले इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने, सड़क और रेल यातायात को भी नियंत्रित करने, तूफ़ान के दौरान लोगों से घरों में रहने की सलाह भी दी गयी है। एहतियाती तौर पर 11 हज़ार से अधिक होर्डिंग्स और 668 अस्थायी संरचनाओं को हटा लिया गया है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य का तंत्र किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। तटीय इलाक़ों से एहतियाती तौर पर डेढ़ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। चौबीसों घंटे काम कर रहे एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के ज़रिए पूरी स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।
अब तक तेज़ हवाओं के कारण बिजली के 234 खम्बे, 66 पेड़ गिरे हैं। ऐसी घटना में सूरत में एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। 629 स्थानों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई थी जिसमें से 474 को सुचारू कर लिया गया है। इस प्रकार की मुश्किलों से निपटने के लिए रैपिड रेस्टोरेशन रेस्पॉन्स टीमें बनायी गयी हैं।