बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने दिन की शुरुआत चाय की पियाली के साथ करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर वह चाय नहीं पीएंगे तो सारा दिन सुस्ती से घिरे रहेंगे और एक कड़क चाय का एक कप उन्हें सारा दिन फ्रैश और एनर्जेटिक रखेगा लेकिन चाय शरीर के लिए बढ़िया नहीं हैं। इसलिए चाय के शौकीनों को अलर्ट होने की जरूरत है। दरअसल, चाय में कैफीन मौजदू होता है और आपको विश्वास नहीं होगा कि एक नए अध्यन की मानें तो यह कैंसर का कारण भी बन सकती है।
चाय से इसोफेगल कैंसर का खतरा
जी हां, हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक, गर्म चाय पीने से इसोफेगल कैंसर का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है जोकि भारत में छठा और दुनिया में आठवां सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। अगर आप भी चुल्हे से उतरी गर्मा-गर्म चाय पीने को शौकीन है तो सावधान हो जाएं। 75 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तापमान पर चाय न ही पीएं तो बेहतर होगा।पहले भी दी थी चेतावनी
हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाईजेशन ने साल 2016 में ही 65 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के पेय से जुड़े कैंसर के खतरे की चेतावनी दी थी। इससे मुंह और गले के अस्तर को नुकसान पहुंचता है जिससे फ्यूल कोलेन ट्यूमर कैंसर हो सकता है।
गर्म चाय है खतरनाक
इंटरनेशन जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित शोध की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अध्ययन में 40 से 75 साल की उम्र के 50,045 लोगों को शामिल किया गया था। रोजाना 60 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा तापमान वाली 700 मिलीलीटर से ज्यादा चाय-कॉफी पीने वालों को इसोफेगल कैंसर का खतरा 90 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यानी गर्म चाय पीने वालों में इसोफेगल कैंसर का खतरा दोगुने से भी ज्यादा होता है। हालांकि यह खतरा सिर्फ गर्म चाय ही नहीं बल्कि 75 डिग्री सेल्सियल या उससे अधिक तापमान वाले कॉफी, हॉट चॉकलेट जैसे पदार्थों से भी उतना ही है।
सेहतमंद रहना है तो करें बदलाव
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के फरहाद इस्लामी के मुताबिक, बीमारी से बचने का उपाय है कि चाय, कॉफी या हॉट चॉकलेट जैसे गर्म पेय पीने से पहले तकरीबन 4 से 5 मिनट का इंतजार किया जाए।
गर्म चाय की प्याली बढ़ा सकती हैं कैंसर का खतरा, 4 मिनट का इंतजार करेगा बचाव
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