लखनऊ। देश को विदेशियों के कब्जे से आजाद कराने में मुजाहिदीन-ए-आजादी की कुर्बानियाँ को भुलाया नही जा सकता। हमें चाहिए कि उन्हें याद रखें। आज यह मुकाबला उनको याद करने की कोशिश है। देश में स्थापित गणतंत्र की सुरक्षा जवानों की जिम्मेदारी है। इस प्रकार के प्रोग्रामों का उद्देश्य नई पीढ़ी और विद्यार्थियों को अपने बुजुर्गों के कारनामे से अवगत कराना है। इन ख्यालात का इजहार इमाम ईदगाह लखनऊ व काजी-ए-शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिम दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल ने किया।वह आज दारुल उलूम में गणतंत्र दिवस प्रोग्राम के सिलसिले में विद्यार्थियों के मध्य राष्ट्रीय ध्वज पेंटिंग मुकाबले और जंग-ए-आजादी किविज मुकाबले के बाद विद्यार्थियों को पुरस्कार दे रहे थे। इन दोनों मुकाबलों में दारूल उलूम के विद्यार्थियों ने बड़े जोश के साथ हिस्सा लिया।
उन्होने जंग-ए-आजादी से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर बड़े अच्छे अंदाज में दिये। जंग-ए-आजादी किविज मुकाबले में (सीनियर ग्रुप) मुहम्मद इमरान पहला, मोहम्मद हाशिम दूसरा, इजहारूल हक तीसरा पुरस्कार दिया गया। (जूनियर ग्रुप) में असजद मतीन पहला, मुहम्मद जकारिया दूसरा, जैद सगीर तीसरा पुरस्कार दिया गया। (जूनियर ग्रुप) में राष्ट्रीय ध्वज पेंटिंग मुकाबले में (जूनियर ग्रुप) में मोहम्मद इरफान पहला, मुहम्मद अजमल शेख दूसरा, असजद मतीन तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया। सीनियर ग्रुप में मुहम्मद अतहर खां पहला, जियाउर्रहमान दूसरा, और मुहम्मद दिलदार तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया। इसी तरह से तकरीरी प्रतियोगिता में मुहम्मद हाशिम पहला, मुहम्मद इमरान गाजी दूसरा और शहरयार खाॅ को तीसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ।