नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार महंगाई दर के आंकड़े आए हैं. मई महीने में खुदरा महंगाई के आंकड़ों ने झटका दिया है तो वहीं थोक महंगाई पर थोड़ी राहत मिली है. मई में थोक महंगाई दर 2.45 फीसदी पर आ गई जबकि इससे पिछले महीने अप्रैल में यह 3.07 फीसदी पर थी.मई महीने का यह आंकड़ा 22 महीने का निचला स्तर है. इससे पहले जुलाई 2017 में खुदरा महंगाई दर 1.88 फीसदी के स्तर पर था. महीने दर महीने आधार पर बात करें तो मई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक मंहगाई दर 1.72 फीसदी से घटकर 1.28 फीसदी पर रही है. इसी तरह सब्जियों की थोक मंहगाई में बड़ी गिरावट आई है. मई में सब्जियों की थोक मंहगाई दर अप्रैल के 40.65 फीसदी से घटकर 35.15 फीसदी रही है.वहीं अंडा, मांस और मछली की थोक मंहगाई 6.94 फीसदी से घटकर 5.64 फीसदी पर आ गई है.हालांकि मई महीने में दालों की महंगाई बढ़ती दिखी है. मई में दालों की थोक महंगाई 14.32 फीसदी से बढ़कर 18.36 फीसदी पर आ गई है. जबकि प्याज की थोक महंगाई दर -3.43 फीसदी से बढ़कर 15.89 फीसदी रही है. इससे पहले गुरुवार को खुदरा महंगाई दर (CPI) के आंकड़े आए थे. इन आंकड़ों में खुदरा महंगाई दर 2.92 फीसदी से बढ़कर 3.05 फीसदी हो गई है. यानी 0.13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इससे पहले अक्टूबर 2018 में खुदरा महंगाई दर 3.38 फीसदी थी. यानी पिछले 7 महीने में खुदरा महंगाई दर मई में सबसे उच्च स्तर पर है. हालांकि, औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर राहत देखने को मिली है. अप्रैल में इंडस्ट्रियल ग्रोथ बढ़कर 6 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. यह -0.1 फीसदी से बढ़कर 3.4 फीसदी है.
खुदरा महंगाई के आंकड़ों ने दिया झटका, 22 महीने के निचले स्तर पर थोक महंगाई
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