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खतरनाक हुई दिल्ली की हवा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियाँ उड़ा दिवाली पर हुई आतिशबाजी से चारों ओर पसरी धुंध

लखनऊ : देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली की रात से हवा बेहद खतरनाक हो गई है. चारों ओर पसरी धुंध साफ देखी जा सकती है. गुरुवार को जारी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में दिल्ली की हवा ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गई है. इसके एक बड़ी वजह रही पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन. बुधवार शाम से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर तय समय से पहले और बाद में भी दिल्ली-एनसीआर में लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. इससे हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया.

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मुताबिक, आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर 999, अमेरिकी राजदूतावास, चाणक्यपुरी में 459 और मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में एक्यूआर 999 रहा. प्रदूषण का यह स्तर ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है.

एक्यूआई के मुताबिक, लोधी रोड इलाके में पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर 500 दर्ज किया गया. एक दिन पहले दिल्ली की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाके में लोगों ने रात आठ से दस बजे के बीच पटाखा फोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई समय-सीमा का उल्लंघन किया.

मेजर ध्यानचंद स्टेडियम (इंडिया गेट) के आसपास पीएम 2.5 का स्तर सामान्य से 30 गुना ज्यादा और पीएम 10 का स्तर 20 गुना ज्यादा दर्ज किया गया. यह वीवीआईपी इलाका है जहां राष्ट्रपति भवन, संसद और कई हाई प्रोफाइल लोगों के आवास हैं. वजीरपुर में 2.5 का स्तर 18 गुना और पीएम 10 12 गुना ज्यादा दर्ज किया गया. इसी तरह जहांगीरपुरी में 2.5 17 गुना और पीएम 10 12 गुना ज्यादा दर्ज किया गया. आरकेपुरम में 2.5 अभी भी 11 गुना ज्यादा और पीएम 10 8 गुना ज्यादा बना हुआ है.

दिल्ली में बुधवार रात दस बजे एक्यूआई 296 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शाम सात बजे एक्यूआई 281 था. रात आठ बजे यह बढ़कर 291 और रात नौ बजे यह 294 हो गया. हालांकि, केंद्र की ओर से चलाए गए सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने समग्र एक्यूआई 319 दर्ज किया जो ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली और अन्य त्योहारों के मौके पर रात आठ से 10 बजे के बीच ही फटाखे फोड़ने की इजाजत दी थी. कोर्ट ने सिर्फ ‘ग्रीन पटाखों’ के निर्माण और बिक्री की इजाजत दी थी. ग्रीन पटाखों से कम प्रकाश और आवाज निकलती है और इसमें कम हानिकारक केमिकल होते हैं.

कोर्ट ने पुलिस से इस बात को तय करने को कहा था कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री नहीं हो और किसी भी उल्लंघन की दशा में संबंधित थाना के एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और यह कोर्ट की अवमानना होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों से उल्लंघन किए जाने की खबरें मिली हैं.

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