वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस ने बुधवार को लोगों से अपील की कि क्रिसमस को फैशनेबल इवैंट नहीं बनने दें। उन्होंने कहा कि क्रिसमस मनाने के असली उद्देश्य को याद रखें। सामाजिक असमानता और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए पहचाने जाने वाले पोप ने कहा कि जगमगाती रोशनी, खूब सारे उपहार लेना-देना ही क्रिसमस नहीं है। वेटिकन में फ्रांसिस ने कहा कि खरीदारी करने के त्योहार के तौर पर देखने की बजाय ईसामसीह का जन्मदिन मनाने से जुडे मूल उद्देश्य को याद रखें। उन्होंने कहा कि विज्ञापन हमें कहते हैं कि हमें सरप्राइज देने के लिए अधिक से अधिक नए उपहारों का आदान-प्रदान करना है।
क्या भगवान इस तरह का जश्न चाहते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘नहीं..क्रिसमस भगवान की मौन आवाज सुनने का त्योहार है।’ जगमगाती रोशनी, खूब सारे उपहार लेना क्रिसमस नहीं है अगर हम एक गरीब की भी मदद न करें।’ पोप फ्रांसिस ने कहा कि इस त्योहार के अपने कुछ सामाजिक अर्थ हैं और हमें उन्हें याद रखना चाहिए। बता दें कि पोप को खुलकर सामाजिक असामनता के खिलाफ बोलते देखा गया है। चर्च में यौन शोषण के खिलाफ भी पोप ने खुलकर राय रखी थी और पीड़ितों से माफी मांगी थी। न हमें कहते हैं कि हमें सरप्राइज देने के लिए अधिक से अधिक नए उपहारों का आदान-प्रदान करना है। क्या भगवान इस तरह का जश्न चाहते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘नहीं..क्रिसमस भगवान की मौन आवाज सुनने का त्योहार है।’ जगमगाती रोशनी, खूब सारे उपहार लेना क्रिसमस नहीं है अगर हम एक गरीब की भी मदद न करें।’