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कोशियारी समिति की सिफारिशों के अनुरूप मांग पर अड़े पेंशनर्स, कहा- नहीं मानी मांगे, तो सात दिसम्बर को करेंगे सामूहिक आत्मदाह

लखनऊ। कोशियारी समिति की सिफारिशों के तहत कम से कम साढ़े सात हजार रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में पांच हजार रुपये और महंगाई भत्ते की मांग के लिए संघर्ष कर रहे ईपीएस-95 के पेंशनर्स आमरण अनशन और सामूहिक आत्मदाह पर आमदा हो गए हैं। भविष्य निधि ऑफिस के सामने आमरण अनशन आमरण अनशन पर बैठे ईपीएफ पेंशनर्स ने चेतावनी दी है कि यदि कल छह दिसम्बर तक मांगे नहीं मानी गयी तो वह सात दिसम्बर को जंतर मंतर पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे। ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि जिन्दगी हमें मोहलत नहीं दे रही हम किसी को क्या मोहलत देंगे। गौरतलब है कि एक साल के भीतर 2 लाख पेंशनर्स दम तोड़ चुके हैं। ईपीएफ पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे लोग 60 से 80 वर्ष की उम्र के हैं। उनके पास ज्यादा जिंदगी नहीं बची है। ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने तंज कसते हुए कहा कि 7 दिसंबर को विभिन्न् दलों के नेता हमारे सामूहिक आत्मदाह कार्यक्रम का रिबन काटकर उद्घाटन करें।

रोज-रोज मरने से अच्छा है कि एक दिन मरकर जिंदगी खत्म कर दी जाए। हम अपना हक पाने के लिए हर जायज तरीके से आंदोलन किया। तालाबंदी की, सांसदों के धर के आगे प्रदर्शन किया,भिक्षा मागी, मुंडन तक कराया। अब सरकार हमें बताएं कि किस ढंग से हम प्रदर्शन करें, जो उनके कानों में जूं रेंगेगी। हम बुजुर्ग है। सड़क पर उतरकर तोड़फोड़ नहीं कर सकते। बसों के शीशे नहीं तोड़ सकते। हमारे पास बहुत कम जिंदगी बची है। राउत ने कहा कि 2014 में माननीय प्रधानमंत्री ने पेंशन धारकों को मिलने वाली पेंशन की राशि 1000 रुपये करने की घोषणा की थी, लेकिन आज भी करीब 17 लाख पेंशन धारकों को 1000 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है और ईपीएफओ पेंशन धारकों को गुमराह कर रहा है। पेंशन धारक इतने परेशान हैं कि वह अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने के अलावा सांसदों के घरों और दफ्तरों का घेराव भी चुके है। इसके अलावा पेंशनर्स मुंडन करवाकर और भिक्षा मांगकर भी अपना विरोध जता चुके हैं। राउत ने कहा कि ईपीएस-95 योजना के तहत 62 लाख पेंशनधारक है, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को 2 हजार रुपये से ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई के जमाने में इतनी कम पेंशन में महीने का खर्च चलना काफी मुश्किल है। ईपीएस-95 पेंशनर देश भर में सीबीटी मेंबर्स के घर और ऑफिस के सामने धरना दे चुके हैं। देश भर में कामगारों के नुमाइंदे माने जाने वाले 10 सीबीटी के सदस्यों के घर हैदराबाद, नई दिल्ली, विशाखापटनम, जलगांव (महाराष्ट्र), लखनऊ, चंडीगढ़, नई दिल्ली और कोलकाता में ईपीएफ पेंशनर्स ने धरना दिया था। राउत ने कहा, “इतनी महंगाई के जमाने में ईपीएस-95 के पेंशनर्स को सिर्फ 200 रुपये से 2500 महीने पेंशन मिल रही है, दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों की महीने का तनख्वाह 1 लाख या 1.50 लाख तक पहुंच गई है। राउत ने बताया कि ईपीएफ पेंशनर्स अपनी मांगों की प्रतियां माननीय प्रधानमंत्री के अलावा माननीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री, श्रम और रोजगार मंत्री, सभी सांसदों, सभी सीबीटी के सदस्यों और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को पत्र भेज चुके हैं।

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