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कोविड-19 की निराशा के बीच मणिपुर में खुशियां लेकर आई ओलंपिक की ख्याति

इंफाल। मणिपुर में 2021 में जीवन और नौकरियां दोनों दांव पर थीं जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और राज्य की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया था। हालांकि, अपने दो निवासियों के ओलंपिक पुरस्कार लाने से राज्य को बीते साल खुश होने की एक वजह मिली।

राज्य के लिए 2021 एक उदासी भरे अध्याय के साथ बंद हुआ जहां 1.26 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए और 2,002 लोगों की मृत्यु हो गई। यह बीमारी अपने साथ कई प्रतिबंधों को लेकर आई, जिसके कारण कृषि प्रधान राज्य के लोगों की आजीविका को नुकसान हुआ और बाजार महीनों तक बंद रहे। उसपर, बारिश की कमी ने किसानों को और असहाय बना दिया। वायरस के प्रकोप के चलते देश के अन्य हिस्सों की ही तरह पूर्वोत्तर राज्य में स्कूल और कॉलेज बंद रहे और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की गई।

हालांकि, मणिपुर की ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों और संकरी घाटियों में इंटरनेट और स्मार्टफोन की सीमित पहुंच ने कई विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित कर दिया। राज्य में टीकों को पहुंचाने के लिए ड्रोन की तैनाती, दक्षिण पूर्व एशिया में इस तरह के पहले कदम के साथ ही एक सुखद आश्चर्य के रूप में सामने आया।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपनी परियोजना – ‘ड्रोन रिसोर्स एंड आउटरीच इन नॉर्थ-ईस्ट इंडिया (आई-ड्रोन)’- के तहत मानव रहित हवाई वाहनों द्वारा अक्टूबर में, 25 किमी की दूरी तय करते हुए कोविड-19 टीकों को बिष्णुपुर जिले से करंग द्वीप तक पहुंचाया। वर्ष के दौरान, मणिपुर के पांच एथलीट ने चार खेलों- हॉकी, मुक्केबाजी, भारोत्तोलन और जूडो में टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। नोंगपोक काचिंग की रहने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत पदक जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 27 वर्षीय एथलीट के लिए एक करोड़ रुपये के नकद इनाम की घोषणा की। इंफाल पूर्व के रहने वाले शांगलाकपम नीलकांत शर्मा भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा थे, जिसने कांस्य पदक जीता था। राज्य को 2021 में उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले और जंगल की आग का सामना करना पड़ा। वर्ष की शुरुआत में, नगालैंड में लोकप्रिय पर्वतारोहण गंतव्य, ज़ुकोउ रेंज में बड़े पैमाने पर जंगल की आग लग गई और मणिपुर तक फैल गई थी। माउंट इसो के बड़े हिस्से जलकर राख हो गए।

आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ, राज्य एजेंसियों और स्थानीय स्वयंसेवकों के संयुक्त अभियान में सात दिन लग गए। नवंबर में, एक आतंकवादी हमले ने पहाड़ी क्षेत्र में शांति को भंग कर दिया और म्यांमा सीमा के करीब चुराचांदपुर जिले में असम राइफल्स के एक कमांडिंग ऑफिसर, उनकी पत्नी और बेटे और बल के चार कर्मियों की मौत हो गई। मणिपुर में 2022 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियों ने गति पकड़ी। सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपनी कमर कस चुकी है। पिछले चुनाव में उसे 21 सीटें मिली थीं। राज्य में नये राज्यपाल ला गणेशन ने पद संभाला,उन्होंने अगस्त में नज्मा हेपतुल्ला की जगह पदभार ग्रहण किया।

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