सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) के निदेशक मंडल ने चालू वित्त में जनवरी तक 32 कोयला खनन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर 47,300 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ निवेश करने की जरूरत होगी। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कोल इंडिया ने बयान में कहा कि इन 32 में से 24 परियोजनाएं मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार है। शेष नई परियोजनाएं हैं।
बयान में कहा गया है, ”चालू वित्त वर्ष में जनवरी तक 32 कोयला खनन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह एक रिकॉर्ड है।” इन परियोजनाओं की बढ़ी हुई या अतिरिक्त अधिकतम क्षमता 19.3 करोड़ टन सालाना होगी। यह पहले से मंजूर 30.35 करोड़ टन की क्षमता के अतिरिक्त है। इन परियोजनाओं को मंजूरी के बाद कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों आने वाले वर्षों में अपना उत्पादन बढ़ा सकेंगी। सीआईएल के निदेशक मंडल तथा संबंधित अनुषंगी कंपनियों के बोर्ड ने इस कदम को मंजूरी दे दी है।
कंपनी ने कहा कि इन 32 परियोजनाओं से 2023-24 तक करीब 8.1 करोड़ टन सालाना का अतिरिक्त उत्पादन होगा। ”किसी एक वित्त वर्ष में परियोजनाओं की संख्या या क्षमता विस्तार के मामले में यह सबसे ऊंचा आंकड़ा है।”
कोल इंडिया अपने खुद के कोयले के जरिये आयात को रोकना चाहती है। घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी से उसे अपने इस लक्ष्य में मदद मिलेगी। इन 32 परियोजनाओं की कुल 19.3 करोड़ टन की क्षमता में से कोल इंडिया की तीन अनुषंगियों साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि., सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. और महानदी कोलफील्ड्स लि. का हिस्सा 86.5 प्रतिशत या 16.7 करोड़ टन का होगा।