नई दिल्ली: कोलकाता में चल रहे हाईवोल्टेज ड्रामे को लेकर सियाली गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है. रविवार शाम से शुरू हुई चहल कदमी के बाद ‘कोलकाता’ राजनीति का नया केंद्र बन गया है. मोदी सरकार के खिलाफ लामबंदी की शुरुआत करने वाली ममता बनर्जी के सपोर्ट में कई राजनीतिक दल आ चुके हैं. सभी नेताओं ने सीबीआई के इस कदम के पीछे केंद्र की सरकार को बताया. ममता बनर्जी ने भी साफ शब्दों में इसे मोदी और शाह के इशारे पर एनएसए अजित डोभाल द्वारा दिए गए निर्देश करार दिए हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि सीबीआई की ये कार्रवाई मोदी सरकार ने कोलकाता में विपक्षी दलों की रैली की सफलता को देखकर करवाई है.
रैलियों का जिक्र आने पर इस मामले पर एक और संभावनाओं के बादल मंडराने लगते हैं. शनिवार को कोलकाता में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा था कि जब दीदी ने कुछ किया नहीं तो वह सीबीआई से क्यों डर रही है. इसके बाद रविवार को पश्चिम बंगाल में योगी आदित्यनाथ को रैली के लिए नहीं आने दिया गया था.योगी आदित्यनाथ उत्तर बंगाल के बालुरघाट में रैली को संबोधित करने वाले थे. बंगाल सरकार की ओर से उनके हेलीकॉप्टर को उतरने देने की मंजूरी न मिलने के बाद उन्होंने फोन के जरिए रैली को संबोधित किया.
फोन पर रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुआ कहा कि बंगाल में जिस तरह से प्रशासन काम कर रहे है वह स्वीकार्य नहीं है. एक लोकतंत्र में ऐसा नहीं हो सकता. इस संबोधन के कुछ घंटों बाद ही यह सियासी ड्रामा शुरू हुआ. जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. सोमवार को इस मामले के और भी गरमाने के आसार हैं. क्योंकि कई दल ममता बनर्जी के समर्थन के लिए कोलकाता पहुंचने वाले हैं.