नई दिल्ली। भारतीय पैरा-तीरंदाजों को मेजबान चेक गणराज्य द्वारा वीजा नहीं दिये जाने के कारण अंतिम पैरालंपिक क्वालीफिकेशन और विश्व रैंकिंग टूर्नामेंट से शुक्रवार को हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह टूर्नामेंट शनिवार से शुरू हो रहा है।
चेक गणराज्य द्वारा भारत और ब्राजील को कोविड-19 संक्रमण के ‘अत्यधिक उच्च-जोखिम वाले देशों’ की सूची में रखा गया है। इस यूरोपीय देश के स्वास्थ्य और विदेश मामलों के मंत्रालयों ने नोव मेस्टो में होने वाले इस आयोजन के लिए 11 सदस्यीय भारतीय दल को मंजूरी नहीं दी थी।
कंपाउंड तीरंदाज ज्योति बालियान तीन से 10 जुलाई तक होने वाले इस आयोजन में पैरालंपिक कोटा के लिए दावा पेश करने वाली थी। खेल मंत्रालय ने यहां जारी बयान में कहा, ” भारतीय खेल प्राधिकरण ने चेक गणराज्य की राष्ट्रीय खेल एजेंसी के साथ स्वास्थ्य एवं विदेशी मामलों के मंत्रालयों से विशेष अनुमति हासिल करने में अपने विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था।”
उन्होंने कहा, ” पूरी कोशिश के बावजूद 11-सदस्यीय भारतीय पैरा-तीरंदाजी टीम ने अभी तक वीजा हासिल नहीं किया है। जिससे उन्हें इस आयोजन से पीछे हटना पड़ा।”
खेल मंत्रालय ने भारतीय तीरंदाजी संघ और भारत की पैरालंपिक समिति को क्रमशः विश्व तीरंदाजी और अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के समक्ष इस मामले को उठाने और तोक्यो पैरालिंपिक के लिए अंतिम क्वालीफिकेशन कोटा रद्द करने का विरोध करने की सलाह दी है।
इसी तरह के मामले में फरवरी 2019 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने नयी दिल्ली में आयोजित आईएसएसएफ (अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ) विश्व कप में 16 में से दो ओलंपिक कोटा रद्द कर दिये थे , क्योंकि भारत ने पाकिस्तान के दो निशानेबाजों को वीजा नहीं दिया था।