जालंधर। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा मंगलवार को शुरू किये गये ‘कोरोना मुक्त पिंड अभियान’ के तहत जिला प्रशासन ने कोविड मरीजों की पहचान करने के लिए जिले के सभी 890 गांवों में घर-घर जाकर सर्वे करने के आदेश दिए हैं।
उपायुक्त घनश्याम थोरी ने बुधवार को प्रमुख सचिव हुसैन लाल की अध्यक्षता में एक वर्चुअल समीक्षा बैठक में भाग लेते हुए कहा कि जिले में एक विशाल स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें अधिकारियों द्वारा सभी रोगसूचक रोगियों की पहचान की जाएगी ताकि उनका समय पर इलाज सुनिश्चित किया जा सके।
घनश्याम थोरी ने कहा कि इस आउटरीच कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के अधिकारी जिले के प्रत्येक ग्रामीण घर का दौरा करेंगे और फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित लोगों की जांच करेंगे।
टीमें ऑक्सीजन संतृप्ति की जांच करेंगी और उन मामलों की रिपोर्ट करेंगी, जहां ऑक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से कम पाया जाता है, ताकि उनके कोविड -19 परीक्षण और उपचार की रिपोर्ट सकारात्मक होने पर जल्द से जल्द शुरू की जा सके।
उन्होंने इन दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया जिसमें उप मंडल मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और बीडीपीओ शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में जिन ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम टीकाकरण किया जाएगा, वहां भी मोबाइल टीमों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर संक्रमण बढ़ने की खबरों के बीच ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
सभी पंचायतों को जोड़ा जाना चाहिए ताकि इस मौजूदा स्वास्थ्य संकट के दौरान ग्रामीण लोगों में अधिक से अधिक जागरुकता पैदा की जा सके।
उन्होंने सभी एसडीएम को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और बीमारी के लक्षण वाले लोगों की पहचान करने के लिए इस घर-घर सर्वेक्षण के माध्यम से अधिकतम स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जिससे परिस्थितियों को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी।