दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कोरोना के बढ़ते मामले के मद्देनजर राजधानी में लॉकडाउन की संभावनाओं से इनकार करते हुए लोगों से होली का त्योहार सार्वजनिक स्थल पर नहीं मनाने की अपील की। साथ ही कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जैन ने शनिवार को कहा कि होली का त्योहार अपने परिवार में ही खुशी पूर्वक मनाएं। ऐसे कार्यक्रम न करें, जिससे कोरोना का विस्फोट हो जाए। सार्वजनिक तौर पर होली मनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए सभी जिलों में टीमें गठित की गई हैं। दिल्ली में लाकडाउन की संभावना को नकारते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है।
हम लॉकडाउन लगाकर देख चुके हैं, लेकिन कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हो सका। हम कोरोना को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन 90 हजार तक टेस्ट कर रहे हैं, जो देश की जांच औसत से पांच गुना अधिक है।
दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों की जांच के लिए रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर रैंडम टेस्टिंग की जा रही है। उन्होंने दिल्ली वालों से अपील की कि कोरोना केस बढ़ने का ठोस कारण अभी पता नहीं है। इसलिए हमें मास्क लगाने समेत बचाव के सभी उपायों का शत प्रतिशत पालन करना चाहिए। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से 1.75 प्रतिशत पॉजिविटी दर चल रही है।
दिल्ली में मौजूदा समय में पहले से थोड़ा अधिक कोरोना के मामले आ रहे हैं। दिल्ली सरकार ने कोरोना मामलों को नियंत्रित करने के लिए परीक्षण की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ा दी है। दिल्ली में अब प्रतिदिन 85 से 90 हजार तक परीक्षण किए जा रहे हैं, जो देश की औसत जांच दर से करीब 5 गुना अधिक है।
हम आइसोलेशन भी कर रहे हैं और कंटेक्ट ट्रेसिंग भी कर रहे हैं। जो भी पॉजिटिव मामले आ रहे हैं, उनको आइसोलेट करने के साथ उनके संपर्क में आने वाले 30-30 लोगों को ढूंढा जा रहा है, ताकि कोरोना को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके।
दिल्ली के कोविड अस्पतालों में अभी पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। अभी कोविड अस्पतालों के 20 प्रतिशत तक बेड पर मरीज हैं और 80 प्रतिशत बेड खाली हैं। साथ ही बेड पर हमारी पूरी नजर हैं। यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है और बेड कम पड़ते हैं, तो हम और भी कोविड बेड को बढ़ा देंगे।
उदाहरण के तौर पर, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कुल 500 बेड हैं और वहां पर अभी करीब 20 बेड पर मरीज हैं। इसी तरह, अस्पतालों में कोविड के आईसीयू बेड भी 20 प्रतिशत तक ही भरे हैं, बाकी बेड खाली हैं।
एलएनजेपी अस्पताल में 300 बेड आईसीयू के हैं और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कुल 500 बेड में से 300 बेड आइसीयू के हैं। दिल्ली में बड़ी संख्या में कोविड मरीजों के लिए आईसीयू बेड बनाए गए हैं। इसके बावजूद कम पड़ता है, तो हम आइसीयू बेड भी बढ़ा देंगे। हमने कभी भी मरीजों के लिए बेड की कमी नहीं होने दी है।
जिस दिन करीब 8600 मरीज आए थे, तब दिल्ली के अंदर करीब 18,500 बेड थे और इसमें से करीब 8500 बेड खाली थे। दिल्ली सरकार मरीजों को बेड की कमी बिल्कुल नहीं होने देगी। अभी अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड खाली है। इसलिए अभी बेड बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
जैन ने बढ़ते कोरोना के मामलों के संबंध में कहा कि एक सप्ताह तक हमें जांच करना पड़ेगा कि इसके बाद क्या होता है, क्योंकि सही आंकलन करने में एक सप्ताह लग जाते हैं। दिल्ली के अंदर तीन-चार महीने तक कोरोना की स्थिति बहुत अच्छी थी और सभी लोग कोविड को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का अच्छी तरह से पालन कर रहे थे।
पिछले 10-15 दिनों से लग रहा है कि लोग दिशा- निर्देशों का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं। इसलिए दिल्ली सरकार सभी लोगों से दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील करने के साथ उन पर सख्ती भी बरत रही है। सभी को मास्क लगाना बेहद जरूरी है।
अगर ज्यादातर लोग मास्क लगाकर सार्वजनिक स्थानों पर निकलते हैं, तो इससे कोविड को बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। एक साल की जद्दोजहद के बाद सभी ने समझ लिया है कि सार्वजनिक स्थानों पर जाने के दौरान मास्क लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है।
मैं दिल्ली के लोगों से पुनः अपील भी करना चाहता हूं कि दिल्ली में अब तक 10 लाख से अधिक लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है। परन्तु वो लोग भी अगर सार्वजनिक स्थानों पर जाते हैं, तो मास्क जरूर लगाएं। बिना मास्क लगाए, वो भी घर से बाहर न निकलें।