अशाेक यादव, लखनऊ। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जीवनरक्षक कहे जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। भारत सरकार में देश में हालात सुधरने तक के लिए इस रोक का ऐलान किया है। बीते कुछ दिनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखी जा रही थी।
ऐसे में सरकार का यह फैसला अहम है। केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश में 11 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं और इसके चलते इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। आने वाले दिनों में इस मांग में और इजाफा हो सकता है। ऐसे में सरकार ने भविष्य की चुनौतियों ने से निपटने के लिए इंजेक्शन के एक्सपोर्ट पर रोक का फैसला लिया है।
एक्सपोर्ट पर रोक का यह आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थम नहीं जाती। सरकार का कहना है कि कई कंपनियां इस इंजेक्शन के उत्पादन में जुटी हैं और प्रतिदिन 38.80 यूनिट्स का उत्पादन किया जा रहा है।
उत्पादन के इस आंकड़े और कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाना जरूरी समझा है। यही नहीं सरकार की ओर से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कुछ ऐलान किए गए हैं।
सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार करने वाली कंपनियों के लिए यह जरूरी किया है कि वे इंजेक्शन की संख्या के बारे में अपनी वेबसाइट्स पर जानकारी दें। इसके अलावा डिस्ट्रिब्यूटर्स के बारे में भी जानकारी दें।
इसके अलावा ड्रग इंस्पेक्टर्स को आदेश दिया गया है कि वे स्टॉक को चेक करते रहें और कालाबाजारी के मामलों पर पूरी नजर रखें। इसके अलावा फार्मास्युटिकल डिपार्टमेंट को घरेलू मैन्युफैक्चरर्स से बात करने को कहा गया है ताकि उत्पादन में इजाफा किया जा सके।
इसके अलावा सभी निजी और सरकारी अस्पतालों से भी समन्वय बेहतर करने पर फोकस किया जा रहा है ताकि इंजेक्शन की उपलब्धता में कमी न होने पाए।