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कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बेहतर कोविड प्रबन्धन पर बल

राहुल यादव, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बेहतर कोविड प्रबन्धन पर बल दिया है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित रखने तथा इस महामारी के उपचार के लिए प्रदेश में सभी संसाधन उपलब्ध हैं। कोविड-19 से सफलतापूर्वक निपटने का हमारे पास गहन अनुभव है। उन्होंने संसाधनों तथा अनुभव के बेहतर समन्वय से कोविड-19 के खिलाफ जंग को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, झांसी, बरेली, गाजियाबाद, आगरा, सहारनपुर तथा मुरादाबाद के जिलाधिकारियों से कोविड-19 के उपचार के सम्बन्ध में की जा रही कार्यवाही की जानकारी प्राप्त तथा आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जनपदों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारी की आज ही तैनाती करते हुए कोविड-19 से बचाव व उपचार व्यवस्था का सतत अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जनपदों में कोविड-19 के प्रतिदिन 100 से अधिक मामले आ रहे हैं अथवा 500 से ज्यादा एक्टिव केस हैं, उन जनपदों के जिलाधिकारी माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश के सम्बन्ध में (परीक्षाओं को छोड़कर) स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लें। इसी प्रकार इन जनपदों में रात्रि में आवागमन को नियंत्रित करने के सम्बन्ध में समुचित निर्णय लिया जाए। इसके लिए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक समन्वय बनाते हुए निर्णय लें। ऐसी स्थिति में यह भी सुनिश्चित किया जाए कि आवश्यक सामग्री दवा, खाद्यान्न आदि का परिवहन व गतिविधियां बाधित न हों।
पंचायत चुनाव तथा पर्व-त्यौहार के कारण अन्य राज्यों से लोग प्रदेश में वापस आ रहे हैं। इसके दृष्टिगत संक्रमण की दर में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए रेलवे स्टेशन तथा बस अड्डों पर लोगों की जांच करने, निगरानी समितियों को सक्रिय करने, काॅन्टैक्ट टेªसिंग को प्रभावी ढंग से संचालित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
टेस्टिंग कार्य को तेजी से करते हुए कोविड चिकित्सालय में पर्याप्त संख्या में बेड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। हर जनपद में एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के बेड समुचित संख्या में उपलब्ध रहें। इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर पूरी सक्रियता से कार्यवाही रहे। सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर में नियमित रूप से बैठक कर स्थिति की गहन समीक्षा करते रहें। उन्होंने मण्डलायुक्तों को इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर का निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘टेस्ट, ट्रेस , ट्रीट’ के लक्ष्य के अनुरूप कोविड-19 के नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्यवाही जारी रखी जाए। उन्होंने पी0पी0ई0 किट, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, सैनिटाइजर, एन-95 एवं ट्रिपल लेयर मास्क आदि की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री से जनपदों का भ्रमण कर चिकित्सा व्यवस्था की मौके पर समीक्षा करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि मंत्रियों के भ्रमण के दौरान चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहें।

कोरोना टीकाकरण का कार्य सुचारु ढंग से संचालित किया जाए। शासन का प्रयास प्रतिदिन 5 से 7 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने का है। यह सुनिश्चित किया जाए कि वैक्सीन की वेस्टेज न होने पाए। इण्टीगेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के माध्यम से ऐसी व्यवस्था बनायी जाए, जिससे वैक्सीन की उपलब्धता के अनुरूप ही वैक्सीनेशन के लिए लोगों को बुलाया जा सके।

वर्तमान समय में कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है। इसे ध्यान में रखकर यह सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ एकत्र न होने पाए। सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क की अनिवार्यता प्रत्येक दशा में सुनिश्चित की जाए। इस सम्बन्ध में इन्फोर्समेन्ट की प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह तथा पुलिस महानिदेशक को आज रात्रि में ही जनपद स्तरीय पुलिस अधिकारियों के साथ संवाद करते हुए मास्क की अनिवार्यता के सम्बन्ध में जरूरी दिशा-निर्देश प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन की कार्यवाही सद्भावपूर्ण ढंग से की जाए।

पब्लिक एड्रेस सिस्टम हर चौराहे पर कार्यशील रहे। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से निरन्तर संवाद बनाए रखते हुए उनकी माॅनीटरिंग की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए खुले स्थान पर 200 और बन्द जगह पर 100 से अधिक लोग एकत्र न हों। उन्होंने स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश भी दिए।

50 प्रतिशत एम्बुलेंस कोविड मरीजों तथा शेष 50 प्रतिशत एम्बुलेंस नाॅन-कोविड मरीजों के लिए आरक्षित की जाएं। यह व्यवस्था सभी मेडिकल काॅलेजों, चिकित्सा संस्थानों, सरकारी एवं निजी अस्पतालों में लागू करायी जाए। एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन से जुड़े चालकों एवं चिकित्सा कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

काॅन्टैक्ट टेªसिंग का कार्य प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड पाॅजिटिव व्यक्तियों के अधिक से अधिक काॅन्टैक्ट्स चिन्ह्ति हों। ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में निगरानी समितियां सक्रिय रहें। इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को पूरी सक्रियता से कार्यशील रहे। कोविड अस्पतालों में बेड, एम्बुलेंस संचालन, निगरानी समितियों की कार्यवाही आदि को इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर से जोड़ा जाए। कोविड प्रबन्धन के कार्यों में विभिन्न विभागों, विकास प्राधिकरणों, आवास विकास आदि के कर्मियों की सेवाएं ली जाएं।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्यअमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस0 गर्ग, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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