ब्रेकिंग:

कोरोना औषधि राज निर्वाण बटी को उत्तराखंड सरकार ने दी मान्यता

अशाेेेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इटावा में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोविड-19 अस्पताल में भर्ती साधारण, मध्यम एवं गंभीर लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों पर एलोवैदिक औषधि राज निर्वाण बटी के सुरक्षित एवं प्रभावकारी भूमिका के वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए रेन्डमाइजड कन्ट्रोल्ड ट्रायल के सफल प्रयोग के बाद उत्तराखंड सरकार ने इसे मान्यता प्रदान कर दी है।

सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजकुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत 28 अगस्त को औषधि निर्माण के लिए लाइसेसिंग अधिकारी एवं निदेशक, आयुर्वेदक एवं यूनानी सेवाएं उत्तराखंड, देहरादून द्वारा औषधी एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 के नियम 154 ए के तहत लाइसेंस संख्या यूकेएवाईएल- 447/2020 द्वारा मान्यता प्रदान कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इस एलोवैदिक औषधि का उपयोग श्वांसकाश, प्रतिश्याय क्षत, सोथ, बल्य, रोग प्रतिरोधक, धतूपोषक व ज्वारनाशक के रूप में करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि राज निर्वाण बटी (आरएनबी) से संबंधित पूरी जानकारी विश्वविद्यायल के आधिकारिक बेवसाइट पर उपलब्ध होगी।

डॉ राजकुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल में जून-जूलाई महीनों में किए गए पाॅयलट स्टडी एवं सिंगल आर्म क्लिनिकल ट्रायल में राज निर्वाण बटी (आरएनबी) के साधारण से गंभीर लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में सुरक्षित एवं प्रभावकारी होने की पुष्टि हुई है।

इस ट्रायल के सफल नतीजों पर छह पब्लिकेशंस राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘कोविडोलॉजी- साइंसेज, इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड मैनेजमेंट’ नामक पुस्तक में भी इसका पूर्ण विवरण उपलब्ध है।

उन्होंने बताया कि क्लिनिकल ट्रायल के उत्साहजनक परिणामों से प्रेरित होकर विश्वविद्यालय ने साइंटिफिक रिसर्च के प्रोटोकॉलों के क्रम में जून- जूलाई महीने में रेण्डमाइजड् कंट्रोल ट्रायल (आरसीटी) किया जो व्यापक रूप से सफल रहा। यह ट्रायल समकालिक साइन्टिफिक रिसर्च के हर मापदण्डों के अनुपालन में क्रियान्वित किया गया।

इस आरसीटी में कोविड-19 अस्पताल में भर्ती साधारण, मध्यम एवं गंभीर लक्षणों वाले कुल 60 कोविड-19 संक्रमित मरीजों को लिया गया जो 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के थे। इस ट्रायल में क्रिटिकल मरीजों को सम्मिलित नहीं किया गया क्योंकि वर्तमान में आरएनबी औषधी सिर्फ टेबलेट रूप में उपलब्ध है, इन्जेक्शन के रूप में नहीं। इन 60 मरीजों को दो स्टडी ग्रुपों में विभाजित किया गया।

‘आरएनबी इन्टरवेंशन ग्रुप के मरीजों को राज निर्वाण बटी (आरएनबी) दवा दी गई तथा ‘प्लेसिबो कन्ट्रोल ग्रुप’ को आरएनबी नहीं दी गई। इन दोनों स्टडी ग्रुपों के मरीजों को स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अन्र्तगत हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन, एण्टीबॉयटिक्स, एन्टीकोग्युलेन्ट्स, स्ट्रोयड तथा विटमिन्स इत्यादि भी दिए गए। आरएनबी ग्रुप के मरीजों के स्वास्थ्य में व्यापक सुधार देखने को मिला।

Loading...

Check Also

पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा आसनसोल-नौतनवा-आसनसोल पूजा विशेष गाड़ी के संचालन में बदलाव

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, वाराणसी : पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा त्यौहारों में यात्रियों की होने …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com