उन्होंने कहा, “हम न्याय के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हैं. समावेशी विकास में हम विश्वास करते हैं.”
लखनऊ : बिहार के मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ कथित यौन शोषण मामले को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि कुछ लोग नकारात्मक बातों पर ध्यान देते रहते हैं और ऐसे लोगों को राज्य में होने वाली सकारात्मक चीजों पर भी ध्यान देना चाहिए.
पटना स्थित अधिवेशन भवन में सतत् जीविकोपार्जन योजना का शुभारंभ करते हुए नीतीश ने कहा, “हम अपने काम में विश्वास रखते हैं. कोई भी गड़बड़ी करने वाला होगा, वह नहीं बचेगा और उसे बचाने वाला भी नहीं बचेगा. आज तक हमने गड़बड़ी करने वालों के साथ कोई समझौता नहीं किया है.” उन्होंने कहा, “हम न्याय के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हैं. समावेशी विकास में हम विश्वास करते हैं.”
नीतीश ने कहा कि देशी शराब एवं ताड़ी के उत्पादन तथा बिक्री में पारंपरिक रूप से कुछ परिवार जुड़े हुए थे. सर्वेक्षण में यह पता चला कि शराबबंदी के बाद इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई और कोई रोजगार इनके पास नहीं है. उन्होंने कहा कि इन निर्धन परिवारों के साथ-साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य समुदायों के लक्षित अत्यंत निर्धन परिवारों की सतत् आजीविका, क्षमता निर्माण एवं वित्तीय सहायता के लिए सतत् जीविकोपार्जन योजना की शुरुआत की गई है. शुरु में प्रयोग के तौर पर पूर्णिया जिले के एक गांव में वैकल्पिक रोजगार के रुप में गाय उपलब्ध करायी गई, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया.मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वे कराया जा रहा है कि ऐसे कितने परिवार हैं जो शराब के कार्य में लगे हुए थे और शराबबंदी के बाद उनकी आर्थिक स्थिति खराब हुई है. उन्हें सर्वेक्षण के दौरान प्रेरित किया जा रहा है और वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है.
उन्होंने कहा, “अभी 16 जिलों में सतत् जीविकोपार्जन योजना की शुरुआत की गई है. मुझे उम्मीद है कि इस साल के अंत तक पूरे राज्य में यह योजना शुरू हो जाएगी.” मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से संबंधित लाभ दिलाने के लिये 35 से 40 परिवारों पर एक ‘‘मास्टर रिसोर्सेज पर्सन’’ होगा, जो उन्हें सहयोग करेगा. इस योजना के तहत जीविकोपार्जन एवं आय से संबंधित गतिविधियों के लिए लक्षित परिवारों को उद्यम संचालन के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. वैकल्पिक रोजगार के लिये गाय, बकरी एवं मुर्गी पालन, कृषि संबंधित गतिविधि, अगरबत्ती निर्माण एवं स्थानीय तौर पर उन्हें जो उपयुक्त लगता हो, उससे उन्हें जोड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा कि 60 हजार रुपए से एक लाख रुपए तक की राशि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. रोजगार शुरू होने तक सरकार एक हजार रुपए की दर से सात महीने तक उन्हें सहयोग के रुप में राशि उपलब्ध कराएगी ताकि कारोबार शुरू करने में उन्हें कोई दिक्कत न हो.