ब्रिटेन की राजनीतिक परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने कहा कि 8 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर्स का निजी डेटा अनुचित रूप से कंपनी से साझा किया गया. यह पहले के पांच करोड़ के अनुमान से कहीं अधिक है. फेसबुक के प्रमुख तकनीकी अधिकारी माइक स्क्रोफर ने सोशल नेटवर्क के यूजर्स के लिए नया प्राइवेसी टूल लागू करने की घोषणा करते हुए एक बयान में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कुल मिलाकर फेसबुक पर 8 करोड़ 70 लाख लोगों की निजी जानकारी अनुचित रूप से कैंब्रिज एनालिटिका से साझा की गई. इनमें से ज्यादातर यूजर्स अमेरिका के थे.’’
इस खुलासे से फेसबुक के लिए संकट बढ़ सकता है जो डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के चुनावी अभियान के लिए काम कर रहे सलाहकारी समूह द्वारा निजी डेटा हैकिंग पर खुलासे के दबाव का सामना कर रहा है. फेसबुक इस मामले में जांच का सामना कर रहा है और उसके मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग मामले पर अगले सप्ताह संसदीय समिति के समक्ष गवाही देने के लिए राजी हो गए हैं.
स्क्रोफर ने कहा कि आने वाले सोमवार (9 अप्रैल) से नए टूल्स से यूजर्स को प्राइवेसी और डेटा साझा करने की बेहतर समझ मिलेगी. फेसबुक ने अलग से बयान जारी कर कहा कि नए सेवा शर्तों से डेटा साझा करने और विज्ञापन किस तरह पहुचंते है, इसके बारे में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी. इन बदलावों से बाहरी व्यक्ति का यूजर डेटा तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. स्क्रोफर ने बताया कि एक बदलाव ऐसा किया गया है जिससे फेसबुक सर्च के साथ किसी के एकदम सही लोकेशन का पता लगाने के लिए उसका फोन नंबर या ईमेल एड्रेस एंटर नहीं किया जा सकेगा.
प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि चुनावों के दौरान उसने भारतीय अधिकारियों के साथ मतदान केंद्रों पर गतिविधियों पर निगरानी रखने में सहयोग किया था और कंपनी अपने मंचों के जरिए जानकारी या डेटा के संग्रहण को लेकर पारदर्शिता बनाए रखती है. माइक्रोसॉफ्ट के एक अधिकारी के अनुसार कंपनी की गोपनीयता संबंधी नीतियां ग्राहकों को अपना डेटा गोपनीय तथा अपने नियंत्रण में रखने में मदद करती हैं. माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत के चुनाव अधिकारियों ने मतदान प्रक्रिया के संचालन व सहयोग के लिए हमारी उत्पादकता व क्लाउड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया. इस चुनावी प्रक्रिया में मतदान केंद्रों पर गतिविधियों की निगरानी भी शामिल थी.’