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केरल में जारी मूसलाधार बारिश पिछले 50 वर्षों में पहली बार, अलग-अलग 24 बंधों को खोला गया

लखनऊ : केरल में लगातार जारी मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ के हालात और बिगड़ गए हैं. पिछले 48 घंटों से हो रही बरसात ने सारे बांध तोड़ दिए. हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि केरल के अलग-अलग हिस्सों में कम से कम 24 बांधों को खोलना पड़ा. राज्य में बीते 50 सालों में पहली बार बारिश से इतनी भीषण तबाही हुई है. लबालब भर जाने के बाद इडुक्की डैम के दरवाजे खोल दिए गए. नतीजा ये हुआ कि आसपास के कई इलाके डूब गए. एनडीआरएफ के अलावा सेना, नौसेना और वायु सेना की टीमें लोगों को बचाने में जुटी हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह 12 अगस्त यानी रविवार को केरल का दौरा करेंगे.

भारी बारिश और डैम से छोड़े गए पानी के चलते नदी नालों में उफान आ गया है. रेस्क्यू के लिए सेना और नौसेना की टीमों को तैनात किया गया है. आसमानी आफत ने केरल की तस्वीर ही बदल दी है. गांव, खेत-खलियान सब डूबे हुए हैं. सैलाब की तबाही में अब तक 29 लोगों की मौत हो गई जबकि 54,000 से ज्यादा लोग बेघर हुए हैं. मुन्नार में 60 लोगों के फंसे होने की खबर है, जिनमें से 20 विदेशी बताए जा रहे हैं.

इस आपदा के बीच केरल के सांसदों का दल शुक्रवार को राजनाथ सिंह से मिला और केंद्र की मदद मांगी. प्रधानमंत्री मोदी भी केरल के मुख्यमंत्री से बात करके पूरी मदद का भरोसा दे चुके हैं.

केरल के इडुक्की जिले में बरसात और बाढ़ की तबाही सबसे ज्यादा है. जहां पिछले 40 सालों में पहली बार चेरुथोनी बांध के पांचों शटर खोलने पड़े हैं. 50 साल में पहली बार केरल इतनी भयंकर बाढ़ और बरसात के बीच फंसा है. हालात इस कदर पानी-पानी हो चुके हैं कि केरल के इतिहास में पहली बार 24 बांधों को एक साथ खोलना पड़ा है. पिछले 40 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि बारिश और बाढ़ की वजह से इडुक्की के चेरुथोनी बांध के पांचों शटर एक साथ खोल देने पड़े हों. चेरुथोनी बांध से हर सेकेंड साढ़े तीन लाख लीटर से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है.

बारिश और बाढ़ से कन्नूर, कोझिकोड, वायनाड और मल्लपुरम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. एर्नाकुलम, अलापुझा और पलक्कड़ जिले भी प्रभावित हैं. कई इलाकों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है. सबसे ज्यादा 11 मौतें इडुक्की जिले में हुई हैं. पिछले दो दिनों में दस हजार से ज्यादा लोगों को 157 राहत शिविरों में भेजा गया है. बाढ़ और बरसात के पानी की वजह से जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं. ऐसी ही एक घटना कन्नूर जिले हुई, जहां भूस्खलन की वजह से दो मकान अचानक भरभराकर ढह गए.

बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें चौबीस घंटे अभियान चला रही हैं. नेवी की तरफ से रेस्क्यू मिशन के लिए चार डाइविंग टीमें और एक सी किंग हेलिकॉप्टर भेजा गया है. इसके अलावा भारतीय थलसेना की तरफ से भी केरल के अलग-अलग इलाकों में जवानों की टीमें भेजी गईं हैं.

केरल में बाढ़-बरसात की तबाही से इमरजेंसी लग गई है. स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सब बंद हैं. चिंता की बात ये है कि मौसम विभाग ने केरल में अभी और ज्यादा बरसात का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक केरल में इस साल अबतक औसत से 19 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है. केरल में इससे पहले इतनी ज्यादा 2013 में हुई थी. बचाव के लिए 241 रिलीफ कैंप खोले गए.

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केरल में बारिश-बाढ़ के हालात को काफी विकट करार दिया है. बाढ़ और बरसात से पीड़ित लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. 241 रिलीफ कैंप खोले गए हैं. जिनमें निचले इलाकों में रहने वाले 15 हजार से ज्यादा लोगों को शिफ्ट किया गया है. वायनाड जिले के बाढ़ में डूबे गांवों से 5500 लोगों को रिलीफ कैंप में लाया गया है. एर्नाकुलम में भी करीब साढ़े तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

प्रशासन लोगों को पहाड़ी और निचले इलाकों में जाने से रोकने की चेतावनी जारी कर रहा है. कर्नाटक के सीएम एच.डी. कुमारस्वामी ने भी केरल में बाढ़ और बारिश से बिगड़ते हालात पर चिंता जताई है. केरल में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते हुई भीषण तबाही और जानमाल के नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह ने शुक्रवार को गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू को भेजा है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केरल को केंद्र सरकारी की तरफ से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. राजनाथ सिंह 12 अगस्त को बाढ़ग्रस्त केरल का दौरा करके हालात का जायजा लेंगे.

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