लखनऊ : केंद्र की भाजपा सरकार ने राफेल सौदे की पूरी जानकारी सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. देश के बहुचर्चित राफेल लड़ाकू विमान सौदे में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने केंद्र से पुरे सौदे के निर्णय लेने की प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत जानकारी मांगी थी। बेंच ने सरकार से तकनीकी जानकारी और राफेल कीमतों के बिना रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अक्तूबर की तारीख तय की है।
बताते चलें कि राफेल सौदे में लड़ाकू विमान की कीमतों को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां शुरू से ही केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से निर्णय प्रक्रिया की जानकारी सील बंद लिफाफे में मांगी थी।
मामले की सुनवाई सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच कर रही है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि वह डिफेंस फोर्सेज के लिए राफेल विमानों की उपयुक्तता पर कोई राय नहीं देना चाहते और न ही कोई नोटिस जारी कर रहे हैं। कोर्ट केवल फैसला लेने की प्रक्रिया की वैधता जानना चाहता है।
इस सौदे का विरोध कर रही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि सरकार 1670 करोड़ रुपये प्रति राफेल की दर से विमान खरीद रही है जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान इसकी कीमत 526 करोड़ रुपये तय हुई थी।