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केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा- अगर कोई हाथ किसी हिंदू लड़की तो छूता है तो उसे खत्म कर देना चाहिए, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष ने की इस बयान की निंदा

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने रविवार को सार्वजनिक तौर पर कई अमर्यादित और विवादित बयान दिए. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई हाथ किसी हिंदू लड़की तो छूता है तो उसे खत्म कर देना चाहिए.’ इसके साथ ही उन्होंने ताजमहल को भी शिव मंदिर बताया. हेगड़े के बयान के बाद कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश जी राव ने केंद्रीय मंत्री के बयान की निंदा की और उनसे काम का ब्योरा मांगा. राव ने ट्वीट करके पूछा, ‘केंद्रीय मंत्री या सांसद बनने के बाद आपकी क्या उपलब्धियां हैं? आपने कर्नाटक के विकास में क्या योगदान दिया? मैं कह सकता हूं कि यह खेदजनक है कि ऐसे लोग मंत्री बन गए और सांसद के रूप में चुने गए.’

इसके बाद अनंत कुमार हेगड़े ने कांग्रेस नेता के सवालों का जवाब देने की बजाय, उनकी पत्नी तबू राव को बहस के बीच में ले आए. तबू राव मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मैं पक्का दिनेश जी राव के सवालों का जवाब दूंगा, लेकिन पहले वह यह खुलासा कर सकते हैं कि उनकी उपलब्धियों के साथ कौन हैं? मैं केवल उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में जानता हैं, जो कि एक मुस्लिम महिला के पीछे पड़े थे.’ इस पर राव ने फिर ट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री को निशाना बनाते हुए जवाब दिया. राव ने ट्वीट किया, ‘अनंत कुमार हेगड़े का इतने नीचे स्तर पर जाकर व्यक्तिगत मुद्दों को बीच में लाना देखकर दुख हुआ. अंदाजा लगाइए क्या ये उनकी संस्कृति की कमी है? क्या उन्होंने हमारे हिंदू धर्मग्रंथों से कुछ नहीं सीखा? अब समय जा चुका है, लेकिन वह अभी भी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनने की कोशिश कर सकते हैं.’ बता दें, रविवार को हेगड़े ने ताजमहल पर टिप्पणी करने से लेकर ‘हिंदू लड़कियों की सुरक्षा’ पर बयान दिया. हेगड़े ने कर्नाटक के कोडागु जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हमें हमारे समाज की प्राथमिकता के बारे में सोचना चाहिए.

हमें जाति के बारे में नहीं सोचना चाहिए. अगर कोई एक हाथ हिंदू लड़की को छूता है तो वह हाथ नहीं बचना चाहिए.’ यह पहली बार नहीं है कि केंद्रीय मंत्री ने संवेदनशील मुद्दों को लेकर विवादित बयान दिया है. रविवार को हेगड़े ने इसके साथ ही ताजमहल पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘ताजमहल मुस्लिमों ने नहीं बनाया था. इतिहास इसका गवाह है कि इसका निर्माण मुस्लिमों ने नहीं करवाया था. शाहजहां ने अपनी जीवनी में कहा है कि उन्होंने यह जमीन राजा जयसिम्हा से खरीदी थी. एक शिव मंदिर है, जिसे राजा परमतीर्थ ने बनवाया था, जिसका नाम तेजो महालया था. तेजो महालया का नाम बदलकर ताजमहल कर दिया गया. अगर हम सोते रहे तो हमारे ज्यादात्तर घरों के नाम मंजिल हो जाएंगे. भविष्य में भगवान राम को जहांपनाह और सीता को बीबी के नाम से बुलाया जाएगा.’

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