चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के एक साल पूरा होने पर आज केंद्र सरकार से मांग की कि तीनों ‘काले‘ कृषि कानून रद्द किये जाएं और किसानों से संवाद कर संकट का हल ढूंढने की कोशिश की जाए।
यहां पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना की तरफ से आयोजित तीसरे प्रदेश स्तरीय ‘किसान मेला‘ का उद्घाटन करते हुए कैप्टन ने कहा कि किसान आंदोलन में कई किसानों की मौत हुई है और समय आ गया है कि केंद्र अपनी गलती महसूस करे और किसान व राष्ट्रहित में कानून वापस ले।
वह कमीज पर ‘नो फार्मर्स, नो फूड‘ (‘किसान नहीं, भोजन नहीं‘) का बैज लगाये हुए थे। किसान मेला की थीम ‘करें पराली की संभाल, धरती माता हो खुशहाल‘ है और उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से हतोत्साहित करना है।
उन्होंने कहा कि संविधान में 127 बार संशोधन किया गया है, तो एक बार और क्यों नहीं किया जा सकता कि कृषि कानून निरस्त किये जाएं और किसान आंदोलन का हल निकाला जा सके। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने पिछले नवंबर में उन्हें पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से हतोत्साहित करने को कहा था लेकिन उन्होंने कह दिया कि वह किसानों को नहीं रोकेंगे क्योंकि विरोध करने का लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है।