लखनऊ। इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाज़िम दारूल उलूम फरंगी महल ने जामा मस्जिद शाह मीना शाह लखनऊ में जुमा की नमाज़ से पहले अपने खुत्बे में ज़िलहिज्जा के पहले अशरे की फ़ज़ीलत बयानकी। उन्होंने कहा कि खुदा तआला ने अपनी मुकद्दस किताब की सूरह वल्फज्र में क़सम खाकर इस बाबरकत अशरे की अहमियत बयान फरमाई है। इन 10 दिनों में किसी भी नेक काम करने का सवाब आम दिनों के मुक़ाबले में कई गुना ज़्यादा है। लिहाज़ा हम लोगों को चाहिये कि इस अशरे में नमाज़, तिलावत, ज़िक्र, सदक़ा व खैरात का ज़्यादा से ज़्यादा एहतिमाम करें। रसूल अकरम सल्ल0 ने 1 से 9 ज़िलहिज्जा के रोज़ों का एहतिमाम फ़रमाया है। उन्होंने कहा कि हदीस पढ़ने से ये बात मालूम होती है कि रसूल सल्ल0 ने चार चीज़ों को कभी भी नहीं छोड़ा। यौमे आसूरा, ज़िलहिज्जा के 9 दिन, अय्यामे बीज़ (हर महीने की 13, 14, 15 तारीख) के रोज़े और फज्र की सुन्नतें।
उन्होंने कहा कि यौमे अरफा यानी 9 ज़िलहिज्जा जो हमारे देश हिन्दुस्तान में 11 अगस्त को होगा उस दिन रोज़ा रखने का खुसूसी एहतिमाम करना चाहिये क्योंकि रसूल सल्ल0 ने फ़रमाया कि अल्लाह से उम्मीद है कि यौमे अरफ़ा का रोज़ा एक साल पहले और एक साल बाद के गुनाहों को माफ कर देगा। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि 9 ज़िलहिज्जा (11 अगस्त) की फज्र की नमाज़ के बाद से 13 जिलहिज्जा (14 अगस्त) की अस्र तक हर फर्ज़ नमाज़ के बाद हर मुसलमान मर्द व औरत पर तकबीर तशरीक़ पढ़ना वाजिब है। मौलाना खालिद रशीद ने नमाज़ियों को खिताब करते हुए कहा कि ईदुल अज़हा की नमाज़ के बाद हर साल की तरह इस साल भी कुर्बानी का खुसूसी एहतिमाम करें जो कि हज़रत इब्राहीम अलै0 की सुन्नत है और इस मौके़ पर कुर्बानी का एक हिस्सा गरीबों में ज़रूर बांटें क्योंकि कुर्बानी के ज़रिये पूरे मुल्क और दुनिया में करोड़ों गरीबों के कई दिनों के खाने का इन्तिज़ाम हो जाता है।
उन्होंने इस मौक़े पर मुसलमानों से एक बार फिर अपील की कि कुर्बानी के बारे में निम्न बातों का खयाल रखें। (1) वो जानवर जिन पर कानूनी पाबन्दी है उनको हरसाल की तरह इस साल भी कुर्बानी ना करें, (2) गलियों या रोड पर कुर्बानी ना करें जिससे राहगीरों को परेशानी हो जिसकी मज़हब और अखलाक़े नबवी में वाज़ेह तालीमात हैं। (3) कुर्बानी के जानवर की बंकिया चीज़ें अवामी जगहों पर ना फेंके बल्कि नगर निगम की तरफ से इस बारे में जो इन्तिज़ामात किये गये हैं उन गाड़ियों में फेंकें। (4) कुर्बानी करते वक़्त जानवर की फोटो ना ली जाए और ना उसको सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाये। (5) जानवर की खालें सदक़ा करेें। (6) कुर्बानी के जानवर का खून नालियों में ना बहाएं। (7) कुर्बानी में भी सफ़ाई सुथराई का खास ख्याल रखें।