बेंगलुरू: कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद सत्ता में आई बीजेपी अब विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है. सत्ता में आने के एक दिन बाद बीजेपी इस बात पर विचार कर रही है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने खुद पद नहीं छोड़ा तो वह उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. वहीं जद (एस) ने स्पष्ट किया है कि पार्टी राज्य में ‘सकारात्मक’ विपक्ष की भूमिका निभाएगी. बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि कुमार को पद छोड़ने के लिए संदेश दे दिया गया है जो परंपरागत रूप से सत्तारूढ़ दल के किसी सदस्य के पास होता है. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले उन्हें यह संदेश दिया गया है. राज्य भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, “हम विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे अगर वह खुद पद नहीं छोड़ते हैं.”
उन्होंने कहा, “हमारा पहला एजेंडा विश्वास प्रस्ताव जीतना है और सोमवार को वित्त विधेयक पारित करवाना है. हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या विधानसभा अध्यक्ष खुद पद छोड़ते हैं अथवा नहीं.” बीजेपी नेता ने कहा कि विपक्षी दल का विधानसभा अध्यक्ष कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा, “सदन में विश्वास मत जीतते ही हम अविश्वास प्रस्ताव पेश कर देंगे.” विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तीन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने और 14 अन्य विधायकों पर फैसला लंबित रखने के महज 24 घंटे के अंदर येदियुरप्पा ने शुक्रवार को सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) सुप्रीमो एच डी देवगौड़ा ने बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा सरकार को किसी भी तरह से समर्थन देने से शनिवार को इनकार किया. उन्होंने कहा कि पार्टी सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी. जद (एस) विधायकों के एक धड़े द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से कर्नाटक में भाजपा सरकार को समर्थन देने का सुझाव देने के एक दिन बाद उन्होंने पार्टी का रूख स्पष्ट किया है.
जद (एस) विधायकों की शुक्रवार को बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता जी टी देवगौड़ा ने कहा था, “कुछ विधायकों ने सुझाव दिया है कि हमें विपक्ष में बैठना चाहिए जबकि कुछ विधायकों की राय है कि हमें बीजेपी सरकार का बाहर से समर्थन करना चाहिए.” देवगौड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम सकारात्मक भूमिका निभाने जा रहे हैं. क्षेत्रीय दल के तौर पर हमें जहां विरोध करना होगा वहां हम विरोध करेंगे.” उन्होंने कहा कि अगर आप राज्य के लिए अच्छा करेंगे तो हम इसका स्वागत करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी जद (एस) द्वारा बीजेपी को समर्थन देने की खबरों को खारिज किया. उन्होंने ट्वीट किया, “मुझे निराधार खबरें पता चली हैं कि जद (एस) की भाजपा से नजदीकियां बढ़ रही हैं. हमारी पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.” उन्होंने कहा कि हम लोगों की सेवा कर पार्टी को मजबूत करेंगे और हमारा जनसमर्थक संघर्ष जारी है.