लखनऊ : किसान आंदोलन के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। केंद्र ने रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ जाने से भारत के किसानों को 62,635 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
गौरतलब है कि मंगलवार को ही भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के लिए आए थे। जिन्हें यूपी बॉर्डर पर ही रोक लिया गया। इस दौरान किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई। किसानों की मुख्य मांग कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करना था। इसके अलावा एमएसपी में बढ़ोतरी भी किसानों की मांग में शामिल थी। जिसे पूरा करते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने एमएसपी में बढ़ोतरी का एलान किया है।
खरीफ सीजन के बाद पहली बार रबी सीजन की सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 50 फीसद से अधिक की वृद्धि की घोषणा की गई है। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं का समर्थन मूल्य 105 रुपये बढ़कर 1840 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। सबसे अधिक 90 फीसद वृद्धि तिलहन की सरसों व तोरिया में की गई है। जौ की खेती की लागत 860 रुपये आंकी गई है, जिसका समर्थन मूल्य 67 फीसद बढ़ाकर 1440 रुपये कर दिया गया है। यह पिछले साल के समर्थन मूल्य के मुकाबले 30 रुपये अधिक है।
रबी सीजन की प्रमुख दलहन फसल चना के उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिहाज से उसकी लागत 2637 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले समर्थन मूल्य 4620 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसमें कुल 75 फीसद की बढ़त दी गई है। यह मूल्य पिछले साल के एमएसपी 4400 रुपये के मुकाबले 220 रुपये अधिक है। जबकि मसूर का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 4475 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह पिछले साल के मुकाबले 225 रुपये अधिक है।
सिंह ने बताया कि रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल तोरिया व सरसों का समर्थन मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 4200 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि तिलहन खेती को सरकार प्रोत्साहित कर रही है, ताकि खाद्य तेलों की आयात निर्भरता कम हो सके। रबी सीजन की तिलहन की कुसुम एक मात्र ऐसी फसल थी, जिसका समर्थन मूल्य 50 फीसद से कम था। इस बार उसके एमएसपी में 50 फीसद की वृद्धि की गई है। इससे उसका मूल्य 845 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 4945 रुपये हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कृषि मंत्रालय के मसौदे पर मुहर लगा दी गई है। मंत्रालय ने कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों में बिना किसी संशोधन के प्रस्ताव तैयार किया था।