नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि कोरोना संकट के दौरान किसानों को बड़ी राहत दी गयी है और उनसे बड़े पैमाने पर गेहूं की खरीद तथा उर्वरकों पर अतिरिक्त सब्सिडी दी गयी है जिससे कृषि लागत मूल्य कम रहे।
सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बार रबी खरीद सीजन के दौरान रिकार्ड 432.48 लाख टन गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की गयी है। इसके लिए किसानों को 85413 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वर्ष 2020 ..21 के दौरान 389.92 लाख टन गेहूं की खरीद की गयी थी।
वर्ष 2020..21 में पोषक तत्व आधारित उर्वरकों के लिए सब्सिडी 27500 करोड़ रुपये थी । वर्ष 2021..22 के दौरान इसे बढ़ाकर 42275 करोड़ रुपये कर दिया गया है । नयी व्यवस्था के तहत डीएपी पर 9125 करोड रुपये तथा एनपीके पर 5650 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी गयी है । उन्होंने कहा कि पहले फसलों की अधिक उपज देने वाली किस्मों को ध्यान में रखकर अनुसंधान किया जाता था जबकि पोषण , जलवायु परिवर्तन और कई अन्य चीजों पर ध्यान कम था ।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फसलों की बायो फोर्टिफाइड किस्में विकसित की है जो प्रोटीन , आयरन , जिंक और विटामिन ए से भरपूर है । फसलों की रोग और कीट प्रतिरोधक ,सूखे की समस्या को सहने तथा जल्दी तैयार होने वाली किस्मों को विकसित किया गया है । धान , मटर , बाजरा , मक्का , सोयाबीन , किनोवा , ज्वार आदि की 21 किस्में विकसित की गयी है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों के फसलों और बागवानी उत्पादों के लाभकारी मूल्य दिलाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस क्षेत्र में कृषि को बढावा देने तथा उसकी खरीद , प्रसंस्करण और विपणन को बढावा देने के उपाय किये जा रहे हैं। इस क्षेत्र में 75 किसान उत्पादक संगठन निबंधित किये गये हैं। इसके अलावा भी इस क्षेत्र के विकास के लिए कई अन्य प्रयास किये जा रहे हैं।