लखनऊ। खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताने वाली योगी सरकार की हकीकत किसानों के सामने आ चुकी है। सरकार और सरकारी अफसरों की नाफरमानी का खामियाजा आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों किसान भुगतने को मजबूर हैं। उन्हें अपनी फसल की सिंचाई के बाद खेतों में खाद डालने के लिए सहकारी समितियों के चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें उनके हिस्से की खाद नहीं मिल पा रही है। लिहाजा वे प्राइवेट दुकानों से महंगे दाम पर खाद खरीदने को विवश हैं। उक्त बातें हमारी अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्कंद कुमार श्रीवास्तव ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कही है। उन्होंने कहा कहा कि किसानों के हिस्से की करोड़ों की खाद पीसीएफ अफसरों ने घोटाले की भेंट चढ़ा दी। उन्होंने कहा कि बीते दिनों बदायूं में करोड़ों के खाद का घोटाल ने यहां के लाखों किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
यहां किसानों के लिए आई करीब तीन करोड़ की खाद गोदाम में पहुंचने के पहले ही गायब हो गई। बताया जा रहा है कि बरेली से चली खाद की एक रेक गोदाम तक पहुंची ही नहीं उसे रास्ते में ही गायब कर दिया गया इस खाद घोटाले में कई विभागीय अफसरों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। यह सब तब हो रहा है जब केन्द्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताते नहीं थक रहे हैं। लेकिन इस घोटाले ने दोनों सरकारों की पोल खोलकर रख दिया है। स्कंद श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों के देश में किसानों के साथ भाजपा सरकार लगातार खेल रही है। कभी ऋण माफ करने के नाम पर तो कभी खाद घोटाला कराकर तो कभी गन्ना मूल्य भुगतान का झांसा देकर उनके संवेदनाओं से खिलवाड़ कर रही है। मगर प्रदेश का अन्नदाता अब समझ चुका है और वह 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगा।