सोनभद्र। जिले में रह-रह कर हो रही बारिश से खेत में खड़ी गेहूं की फसलों के साथ-साथ तिलहन की तैयार फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा मंडियों में खुले आसमान के नीचे किसानों का गेहूं रखा हुआ है। इसको लेकर किसानों के माथे पर चिता की लकीरे देखी जा रही है। अभी भी आसमान में बादल छाए रहने से किसानों की धड़कने बढ़ी हुई है। अगर इसी तरह से एक दो दिन मौसम नहीं खुला और तेज बारिश के साथ ओला गिर गया तो किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो जाएगी। जनपद में सुबह से ही अचानक हुए मौसम परिवर्तन से किसानों की धड़कने बढ़ गई थी। किसान अभी अपने फसलों को बचाने के जुगत में लगे हुए थे की बुधवार की सुबह से रूक-रूक कर शुरु हुई बारिश से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
क्योंकि इस समय गेहूं की कटाई हो रही है। ज्यादातर खेतों में या तो कटाई का काम चल रहा है या फिर फसल कट कर खलिहानों में रखी हुई हैं। बीते दो दिनों से चल रही तेज हवाओं और बारिश से कई जगहों पर खड़ी फसल टूट कर खेतों में बिछ गई हैं और जो फसल कटकर खलिहान में रखी हुई हैं उसके खराब होने की संभावना अधिक बढ़ गई है। दोनों ही स्थिति में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस समय किसानों के गेहूं फसल कटाई चल रही है, तो वहीं कुछ किसानों का गेहूं खुले आसमान के नीचे मंडियों में पड़ा है। ऊर्जांचल में हुई रिमझिम बारिश से मौसम में काफी नमी आ गई है। तेज हवाओं व चमक-गरज के साथ बारिश का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा। सुबह से शुरू हुई बारिश से अधिकतर दिहाड़ी मजदूर काम पर नहीं जा सके।
कोल खदानों में रिमझिम बारिश से फिसलन बढ़ जाने से उत्पादन के उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग कीचड़ से पट गया था। सड़क पर दर्जनों गड्ढे में पानी भर जाने से कई लोग फंसकर घायल हो गए। हवा व बारिश से आम के पेड़ों पर लगे बौर गिर गए।ज्वालामुखी मुखी मंदिर परिसर में लगा पाक्षिक मेला भी बुधवार को बरसात से प्रभावित रहा। मेले में लगी दुकानें भी तेज हवाओं के बीच हुई बारिश से अस्त व्यस्त हो गईं। तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बारिश पूरे दिन रुक-रुक कर जारी रही। बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली वहीं लोगों का दिनचर्या भी प्रभावित हुआ। मेले में दुकानों के तम्बू जहां तेज हवाओं के कारण उड़ते नजर आए वहीं दुकानदार हवा, पानी से अपनी दुकानों के सामानों को बचाते नजर आए।