वाराणसी। किसानों एवं वैज्ञानिकों के संयुक्त पहल से ही समृद्ध कृषि का सपना साकार होगा। यह कहना है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट के प्रेसीडेंट डॉ पंजाब सिंह का। वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के पूर्वांचल के कृषि विज्ञान केंद्रों की सहभागिता बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में कार्यरत फार्ड फाउंडेशन व कृषि विज्ञान को साथ मिलकर विभिन्न किसान उत्पादक कंपनियों व स्वयं सहायता समूह के माध्यम से तकनिकों के प्रसार को मजबूती प्रदान करने की जरूरत है।
बताया कि फार्ड फाउंडेशन की पहल किसानों एवं वैज्ञानिकों को मंच प्रदान कर लाभकारी कृषि की परिकल्पना को साकार करना है। इस अवसर पर भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ जगदीश सिंह ने संस्थान में विकसित सब्जियों की उन्नतशील किस्तों एवं तकनिकों पर प्रकाश डाला। इसके पूर्व अटारी के निदेशक डॉ अतर सिंह ने इस महत्व पूर्ण बैठक के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के निदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान ने विकसित तकनिकों एवं उन तकनिकों को किसानों के प्रक्षेत्र तक सफलतापूर्वक ले जाने पर प्रकाश डाला। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमहानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने तकनिकी हस्तांतरण पर बल देते हुए कृषि विज्ञान केंद्रों एवं निजी संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होने किसानों के प्रक्षेत्र पर हस्तांतरित तकनिकों एवं किसानों द्वारा तकनिकों की ग्राहता के बीच के अंतर को कम करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। बैठक में भाग ले रहे 13 विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुखों द्वारा अपने-अपने जनपदों में किसान, महिलाओं एवं युवाओं के लिये कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता विकास एवं कृषि विविधिकरण द्वारा आय बढ़ाने के सम्बन्ध में चल रहे कार्यों एवं भविष्य की आवश्यक योजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया गया। बैठक की समिक्षा करते हुये डॉ पंजाब सिंह व कृषि प्रसार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ ए के सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा विभिन्न तकनिकी हस्तांतरणों की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए पूर्वांचल में फार्ड फाउंडेशन व किसान उत्पादकता संगठन की भूमिका पर चर्चा की। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, के सुंदरपुर स्थित अतिथि गृह में आयोजित बैठक में पूर्वांचल में स्थित 13 कृषि विज्ञान केंद्रों वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली, सोनभद्र, भदोहीं, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, बलीया, आजमगढ़, प्रयागराज, कौशांबी एवं प्रतापगढ़ की सहभागीता रही।
बैठक की अध्यक्षता कृषि प्रसार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ एके सिंह व कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव डॉ पंजाब सिंह ने की। बैठक में 13 कृषि विज्ञान केंद्रों के अध्यक्ष के साथ डॉ अतर सिंह, निदेशक, अटारी कानपुर, डॉ. रमेश चंद्र, निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, डॉ अरविंद कुमार, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, डॉ आरएम सिंह, डॉ शिवराज सिंह व डॉ जगदीश सिंह, निदेशक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के साथ-साथ विभिन्न वैज्ञानिको एवं किसानों ने भाग लिया। इनके अलावा भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान,वाराणसी के वैज्ञानिक डॉ पी. एम. सिंह, डॉ आर. एन. प्रसाद, डॉ नीरज सिंह, डॉ के. के. पांडेय, डॉ शुभदीप रॉय व डॉ प्रदीप करमाकर भी उपस्थित थे।