लखनऊ : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की किर्गिस्तान की ‘‘परिणामोन्मुखी’’ यात्रा शनिवार (4 अगस्त) को संपन्न हो गई और वह उज्बेकिस्तान रवाना हो गईं. किर्गिस्तान यात्रा के दौरान उन्होंने देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की. स्वराज ने कल किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव तथा आज अपने किर्गिस्तानी समकक्ष एरलन अब्दिलदाएव से मुलाकात की और व्यापार, ऊर्जा तथा रक्षा एवं सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत तथा गहरा करने पर चर्चा की.
ख़बरों के अनुसार तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण के तहत स्वराज आज उज्बेकिस्तान रवाना हो गईं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रित और परिणामोन्मुखी यात्रा पूरी कर विदेश मंत्री तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण के तहत ताशकंद रवाना हो गईं. ’’ कुमार ने कहा, ‘‘शानदार मेजबान अब्दिलदाएव विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को विदा करने के लिए हवाईअड्डे आए और भारत यात्रा का विदेश मंत्री का आमंत्रण स्वीकार कर लिया. ’’
द्विपक्षीय बैठक के बाद अब्दिलदाएव ने स्वराज को खूबसूरत झील इस्सिक कुल के किनारे चहलकदमी के लिए आमंत्रित किया. यह झील दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पर्वतीय झील है. कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘इस्सिक कुल का मतलब है गरम झील. गरमी जिसने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यात्रा के दौरान भारत और किर्गिस्तान के बीच पारंपरिक रूप से मित्रवत संबंधों को मजबूत करने में मदद की. ’’ स्वराज कजाकिस्तान की अपनी यात्रा संपन्न कर कल दो दिवसीय दौरे पर पूर्वी किर्गिस्तान के इस्सिक कुल पहुंची थीं.
अब्दिलदाएव ने उनकी अगवानी की थी. कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे दोनों देशों के बीच मौजूद बड़ी संभावना के दोहन के लिए कदम उठाते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और किर्गिस्तान के विदेश मंत्री एरलन अब्दिलदाएव ने व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, मानव संसाधन विकास, पर्यटन और संयुक्त फिल्म निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की. ’’ स्वराज ने अब्दिलदाएव से कई अवसरों पर मुलाकात की है. उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर भी अब्दिलदाएव से मुलाकात की थी.
सुषमा स्वराज संसाधन संपन्न मध्य एशियाई देशों के साथ रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के भारत के प्रयासों के तहत तीन देशों – कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान – की यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई 2015 में उज्बेकिस्तान की यात्रा तथा किर्गिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अल्माजबेक शारशेनोविच अताम्बायेव की भारत यात्रा और शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलनों से इतर उनकी मुलाकातों ने दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से सौहार्दपूर्ण तथा करीबी संबंधों को और मजबूत किया है. आधिकारिक बयान के अनुसार इससे द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को और गति मिली है.