अशाेक यादव, लखनऊ। लगभग 100 साल पहले काशी से कनाडा ले जायी गयी मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा एक बार फिर काशी में प्रतिष्ठित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों से भारत को वापस मिली यह प्रतिमा 11 नवंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी।
यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में दी गयी है। इसके अनुसार एएसआई की ओर से यह प्रतिमा काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंपी जायेगी। इसके बाद काशी में स्थापना से पहले मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को पुनस्थार्पना यात्रा के जरिये 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी।
चार दिनों तक चलने वाली यह यात्रा नोएडा, गाजियाबाद मैनपुरी, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या और जौनपुर सहित 18 जिलों से होते हुए 14 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी। इसके बाद 15 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के मौके पर काशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश काल में विदेश ले जायी गयी तमाम प्राचीन धरोहरों को स्वदेश वापस लाने की पहल के तहत मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा को कनाडा से भारत लाया गया है। इस कड़ी में भारत को अमेरिका से जल्द ही 157 अन्य दुर्लभ धरोहरें वापस मिलने वाली हैं।
हाल ही में लखनऊ आये केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी ने बताया था कि प्रघानमंत्री मोदी के पिछले अमेरिका दौरे के बाद 157 धरोहर वस्तुओं की स्वदेश वापसी का रास्ता साफ हुआ है। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से अब तक 42 दुर्लभ धरोहरों की स्वदेश वापसी हो चुकी है। वहीं, 1976 से 2013 तक कुल 13 दुर्लभ प्रतिमाएं और कलाकृतियां ही वापस लाई जा सकी थीं।