राहुल यादव, लखनऊ।कानपुर मण्डल के मण्डलायुक्त डॉ. राजशेखर ने आज कानपुर मेट्रो के निर्माण कार्यों की समीक्षा की और काम की प्रगति पर संतुष्टि जताई। लगभग दो महीने पहले डॉ. राजशेखर ने कानपुर मेट्रो की कार्य प्रगति की जायज़ा लिया था, जिसके बाद आज उन्होंने आईआईटी और कल्याणपुर मेट्रो स्टेशनों के साथ-साथ पॉलिटेक्निक मेट्रो डिपो का भी भ्रमण किया। निर्माण कार्य की रफ़्तार पर मण्डलायुक्त ने संतुष्टि जताते हुए, प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया। इससे पूर्व 29 सितंबर, 2020 को मण्डलायुक्त ने कानपुर मेट्रो परियोजना के सिविल निर्माण की ज़मीनी समीक्षा हेतु दौरा किया था। उस समय तक आईआईटी पर प्लैटफ़ॉर्म और ट्रैक के काम की शुरुआत नहीं हुई थी और लगभग दो महीनों के समय में यूपी मेट्रो ने आईआईटी मेट्रो स्टेशन पर प्लैटफ़ॉर्म का काम 33 प्रतिशत तक और ट्रैक बीम बिछाने का काम 70 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है। वहीं, मण्डलायुक्त के पिछले दौरे तक कल्याणपुर मेट्रो स्टेशन पर कॉनकोर्स का काम 50 प्रतिशत ही हुआ था, जबकि अब मेट्रो इंजीनियरों ने कॉनकोर्स (उपरिगामी स्टेशन का पहला तल) का काम पूरा कर लिया है। कल्याणपुर मेट्रो स्टेशन पर भी ट्रैक बीम बिछाने का काम जारी है और इस माह के अंत तक ट्रैक बीम का काम भी एक तिहाई पूरा हो जाएगा। अपने दौरे पर मण्डलायुक्त ने कहा, “कानपुर मेट्रो आने वाले समय में शहर की सबसे बड़ी पहचान होगी। शहरवासियों को तय समय पर मेट्रो सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ यूपीएमआरसी युद्धस्तर पर काम कर रहा है। कानपुर मेट्रो, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार, दोनों ही की महत्वाकांक्षी परियोजना है।”डॉ. राजशेखर ने, यूपी मेट्रो द्वारा प्रदूषण और ट्रैफ़िक की चुनौतियों से निपटने के लिए की गईं व्यवस्थाओं का भी ब्यौरा लिया। यूपी मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रदूषण को कम करने के लिए कास्टिंग यार्ड और आईआईटी से मोतीझील के बीच तैयार हो रहे प्रयॉरिटी कॉरिडोर पर 2 ऐंटी-स्मॉग गन तैनात की गई हैं, जो हवा में पानी का छिड़काव करती रहती हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें यह भी बताया गया कि निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण के लिए 9 किमी. के प्राथमिक सेक्शन पर 20 लोगों की टीम 8 टैंकरों की सहायता से पानी का छिड़काव करती रहती है और साथ ही, मैकेनाइज़्ड ब्रूमर मशीन की सहायता से सड़क पर जमा होने वाली धूल-मिट्टी की सफ़ाई भी नियमित रूप से की जाती है। मेट्रो के कास्टिंग यार्ड और डिपो, दोनों ही जगहों से जो ट्रक या डंपर निकलते हैं, उन्हें भी बाहर सड़क पर जाने से पहले धोया जाता है ताकी उनमें लगी मिट्टी सड़क तक न पहुंचे।
कानपुर की सबसे बड़ी पहचान होगी कानपुर मेट्रो : राज शेखर
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