पंजाब: फिरोजपुर के जीरा हलके से कांग्रेस विधायक कुलबीर सिंह जीरा को आक्रामक तेवर महंगे पड़ सकते हैं। सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने के जीरा के रवैये को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। जल्द ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) जीरा को नोटिस जारी कर सकती है। शनिवार को फिरोजपुर के पंच-सरपंचों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाने को लेकर दाना मंडी में कार्यक्रम था। इसमें वित्त मंत्री मनप्रीत बादल मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम के दौरान जीरा ने मंच से ही सरकार पर हमला बोला। सबसे पहले उन्होंने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा चुनाव से पहले चार माह में नशा खत्म करने की कसम याद दिलाई। फिर कार्यक्रम में मौजूद आला पुलिस अफसरों पर निशाना साधा था। आखिर में जीरा ने कहा कि ऐसी कसम खाने का क्या फायदा, जिस पर अमल ही नहीं कर सकें।
फिर जीरा और उनके हलके के पंच, सरपंच कार्यक्रम का बायकॉट कर चले गए थे। सूत्र बताते हैं कि अपने ही विधायक द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान की गई फजीहत को पार्टी ने बेहद गंभीरता से लिया है। जीरा ने विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया है। सरकार बेहद संजीदगी से बार-बार यह प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रही है कि पंजाब से नशा खात्मे की कगार पर है। ऐसे में जीरा का रवैया सरकार की इमेज के लिए घातक साबित हो सकता है। मामला दिल्ली दरबार भी पहुंच गया है और हाईकमान भी इसे लेकर गंभीर है। पीपीसीसी जल्द ही मामले में जीरा को नोटिस जारी करने जा रही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। संगठन और सरकार दोनों का मानना है कि जीरा को सार्वजनिक तौर पर कहने के बजाय अपनी बात पार्टी स्तर पर रखनी चाहिए थी।