नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने कहा है कि कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का फैसला उन्होंने जनता की भावनाओं को देखते हुए लिया है लेकिन कांग्रेस पार्टी से उन्हें कोई शिकायत नहीं है।
मंगलवार को यहां तृणमूल के राज्य सभा सांसद और प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन की उपस्थिति में सुष्मिता देव ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस छोड़ने का निर्णय व्यक्तिगत कारणों से नहीं था बल्कि जनता और देश के प्रति दायित्व बोध के चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया।
उन्होंने कहा कि मैंने बिना शर्त के तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ली है। मैं इस पार्टी में अगले 30-35 वर्ष तक काम करना चाहती हूं। मुझे संगठन का कार्य करना अच्छा लगता है। ममता जी जो भी दायित्व देंगी, वह पूरे समर्पण के साथ निभाऊंगी। सुष्मिता देव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मेरे परिवार का 40 वर्षों का संबंध है।
ममता बनर्जी के जनता के हितों से जुड़े कार्य और देश के विकास के प्रति उनके दृष्टिकोण को सबने देखा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में बेहतरीन प्रशासन दिखाया है। पार्टी का भविष्य उज्जवल है और ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी की जोड़ी रंग लाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपे गए मेरे त्यागपत्र में पार्टी छोड़ने की वजह लिखी है।
मुझे उम्मीद है सोनिया गांधी का आशीर्वाद मुझे हमेशा मिलता रहेगा। सुष्मिता देव ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस महासचिव ममता बनर्जी की आपस में तुलना करना उचित नहीं है। इस अवसर पर उपस्थित तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता ब्रायन ने कहा कि हमारी पार्टी में समर्पित लोगों का स्वागत है। हम किसी पार्टी को नहीं तोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा पार्टी की संस्थापक एवं अध्यक्ष ममता बनर्जी को छोड़कर हर किसी पर एक व्यक्ति और पद का सिद्धांत लागू होगा। ब्रायन ने कहा कि हम सितंबर महीने में जानकारी देंगे कि असम और त्रिपुरा राज्य समेत पूरे देश में पार्टी की आगामी योजनाएं क्या होने वाली है।