राजस्थान: चुनावी मौसम में किसानों के अलावा जो मुद्दा चर्चा में रहता है वो है ‘कर्जमाफी’। इसके सहारे राजस्थान का रण जीतने वाली कांग्रेस पार्टी ने अब कर्जमाफी के अपने वादों के साथ कई शर्ते भी लागू की है। नई गाइडलाइन्स की मानें तो प्रदेश के किसी भी किसान की कर्जमाफी केवल एक ही बैंक से लिए कर्ज पर होगी, चाहे उसने कर्ज कितने भी बैंकों से लिया हो। सरकार कर्जमाफी के लिए 7 से 9 फरवरी तक कैंप लगाएगी। यह कैंप सरकारी बैंकों से 30 नवंबर 2018 तक कर्ज लेने वाले किसानों के लिए होगा।सरकार की ओर से कर्जमाफी के लिए तैयार की गई गाइडलाइन में केंद्रीय सहकारी बैंकों को इसके निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी कर्मचारियों, वर्तमान और पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक वर्तमान व पूर्व मंत्री, आयकर दाता, ऐसे बोर्ड व निगम के पदाधिकारी जिनमें दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हों,आयोग सदस्य व अध्यक्ष, सहकारी व निजी बैंक कर्मचारी व पेंशनर, राज्य व केंद्र में स्वायत्तशासी संस्था, सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी व पेंशनर्स, पंचायती राज के पेंशनर्स, सहकारी संस्थाओं के पूर्णकालिक कर्मचारियों सहित 12 श्रेणी के किसानों को कर्जमाफी का लाभ नहीं मिलेगा। पहले सरकार ने निर्देशों में यह बात साफ नहीं थी कि अगर किसी किसान ने एक से अधिक बैंकों से कर्ज लिया हुआ हो तो कौन सा कर्ज माफ होगा। मगर अब सरकार ने इसे साफ किया है कि अगर किसान ने दो या दो से अधिक सहकारी बैंकों से कर्ज लिया हो तो वह दो लाख रूपये तक किसी भी बैंक का लोन माफ करा सकता है। निर्देशों के अनुसार किसानों का अवधिपार ऋण होने पर मूल, ब्याज व पेनल्टी तथा अवधिपार नहीं होने पर मूल राशि माफ की जाएगी।