ब्रेकिंग:

कांग्रेस ने जारी किए दिल्ली के सात उम्मीदवारों में से 6 के नाम, पूर्वोत्तर से शीला दीक्षित को बनाया प्रत्याशी

दिल्ली: आम आदमी पार्टी से गठबंधन की संभावनाओं पर विराम लगने के बाद अब कांग्रेस ने भी दिल्ली में अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. पार्टी ने सात सीटों में से 6 पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित खुद चुनावी मैदान में उतर गई हैं और उन्हें उत्तर पूर्व दिल्ली सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. सिर्फ यही नहीं, कांग्रेस ने शीला दीक्षित के साथ अपने अनुभवी व पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है. शीला दीक्षित के अलावा चांदनी चौक लोकसभा सीट से पूर्व सांसद जे.पी अग्रवाल, पूर्वी दिल्ली से अरविंदर सिंह लवली, नई दिल्ली से अजय माकन, उत्तर-पश्चिम दिल्ली से राजेश लिलौथिया और पश्चिम दिल्ली से महाबल मिश्रा को टिकट दिया है. इन सभी प्रत्याशियों का लंबा राजनीतिक व चुनावी अनुभव रहा है. साथ ही इन सभी नेताओं की राजनीतिक कर्मभूमि भी दिल्ली ही रही है.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार जे.पी अग्रवाल ने 1973 में यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से अपने सफर का आगाज किया था और इसके बाद वो डिप्टी मेयर पद से होते हुए 1984 में पहली बार लोकसभा सांसद बने. अग्रवाल कुल चार बार लोकसभा सांसद रहे हैं और राज्यसभा में भी वो रह चुके हैं. इसके अलावा 2007 में उन्होंने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पद की जिम्मेदारी भी संभाली. हालांकि, 2014 में वो मोदी लहर में उत्तर पूर्व सीट से हार गए थे, लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें कपिल सिब्बल की जगह चांदनी चौक से उतारा है. जेपी अग्रवाल की तरह ही अजय माकन और अरविंदर सिंह लवली भी दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और दोनों ही नेताओं का दिल्ली की राजनीति में बड़ा दखल रहा है. 1993, 1998 व 2003 में लगातार तीन बार दिल्ली से विधायक बनने वाले अजय माकन राज्य सरकार में मंत्री भी रहे हैं.

इसके अलावा वो 2004 व 2009 में लगातार दो बार लोकसभा सांसद बने और केंद्रीय मंत्रिमंडल का भी हिस्सा रहे. माकन को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है. दूसरी तरफ अरविंदर सिंह लवली का भी दिल्ली में राजनीति में बड़ा तजुर्बा रहा है. एनएसयूआई से राजनीति की शुरुआत करने वाले लवली 1998 से 2013 तक लगातार विधायक बने और शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रहे. इसके अलावा दिल्ली की सत्ता जाने के बाद उन्होंने प्रदेश इकाई का अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के लिए संघर्ष भी किया. हालांकि, बीच में उन्होंने बीजेपी के साथ जाकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की, लेकिन बाद में राहुल गांधी ने उनकी घर वापसी कराई. वहीं, महाबल मिश्रा दिल्ली नगर निगम काउंसलर की राजनीति करते हुए विधानसभा पहुंचे और तीन बार विधायक बने. 2009 में उन्होंने पश्चिम दिल्ली लोकसभा चुनाव भी जीता. अब एक बार फिर उन्हें इसी क्षेत्र से मौका दिया गया है.

राजेश लिलौथिया को दिल्ली की एकमात्र आरक्षित उत्तर-पश्चिम सीट से उतारा गया है. राजेश लिलौथिया फिलहाल दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं और पार्टी के केंद्रीय संगठन में सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. 2004-2013 तक विधायक रहने वाले राजेश लिलौथिया पांच साल दिल्ली प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस तरह कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में उन चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है, जो न सिर्फ पार्टी के भरोसेमंद हैं बल्कि दिल्ली की राजनीति में उनका लंबा अनुभव भी है. कांग्रेस ने शीला दीक्षित के राज में पुराने व दिग्गज चेहरों पर भरोसा इसलिए जताया है क्योंकि आप से गठबंधन न होने के बाद यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

ऐसे में शीला दीक्षित के नाम पर दिल्ली की जनता के जिस भरोसे की चर्चा अक्सर की जाती है, उसी को भुनाने के मकसद से कांग्रेस ने ये रणनीति अपनाई है. इस लिस्ट में अजय माकन और अरविंदर सिंह लवली को छोड़कर सभी नाम शीला दीक्षित के करीबी माने जाते हैं. हालांकि, ये दोनों नेता भी शीला दीक्षित के साथ काफी काम कर चुके हैं. साथ ही चुनाव में बेहद कम वक्त होने के चलते भी जाने-पहचाने चेहरों को ही तरजीह दी गई है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की सत्ता पर तीन दशक तक राज करने वाली शीला दीक्षित की टीम पर जनता कितना भरोसा कर पाएगी.

Loading...

Check Also

त्यौहार स्पेशल गाड़ियों के संचलन हेतु अपर मंडल रेल प्रबंधक ने बनारस – छपरा रेल खण्ड का विन्डो ट्रेलिंग संरक्षा निरीक्षण किया

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, वाराणसी : रेल परिचालन में संरक्षा, यात्रियों की सुरक्षा के त्यौहार …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com