अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर उन राजनीतिक दलों के साथ गठजोड़ करने के लिए तीखे हमले किए, जो ”देश को बांटना चाहते हैं।” शाह ने कहा कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है।
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने 15 साल तक राज्य में शासन करने और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रधानमंत्री होने के बावजूद पड़ोसी देशों से अवैध घुसपैठ के मुद्दे को हल करने के लिए कुछ नहीं किया।
शाह परोक्ष तौर पर मनमोहन सिंह की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व किया। शाह ने यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
उसने असम में बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ, केरल में मुस्लिम लीग और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन किया है। असम अजमल के हाथों में सुरक्षित नहीं रह सकता है।” उन्होंने कहा, ”असम के लोग तय कर सकते हैं कि उनके कल्याण के बारे में कौन ज्यादा चिंतित है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या बदरुद्दीन अजमल।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा ने पिछले पांच वर्षों के दौरान उन घुसपैठियों को सफलतापूर्वक बाहर किया, जिन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जमीन पर कब्जा कर लिया था और धार्मिक निकायों के स्वामित्व वाले भूखंडों पर काबिज हो गए थे।”
उन्होंने दावा किया, ”पांच साल पहले, मैंने भाजपा अध्यक्ष के रूप में असम को ”आंदोलन मुक्त” और ”आतंकवाद मुक्त” (उग्रवाद-मुक्त) बनाने का वादा किया था। हमने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की है और अब राज्य में कोई आंदोलन या कोई उग्रवाद नहीं है।”
शाह ने दावा किया, ”असम शांति और विकास का अनुभव कर रहा है। हमें और पांच साल दीजिये और हम घुसपैठ की समस्या का भी हल करने में सक्षम होंगे।” शाह ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा जिन्होंने सत्ता में आने पर चाय बागानों के श्रमिकों की सहायता करने का वादा किया है।
शाह ने कहा कि पार्टी को चुनाव के दौरान ही इन मजदूरों की याद आती है। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय बागानों के श्रमिकों के जीवन और कामकाज की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की है।” शाह ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने असम में बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए एक रणनीति बनायी है।