लखनऊ: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा पर इनकम टैक्स विभाग ने शिकंजा कर दिया है. आयकर विभाग ने वाड्रा को 42 करोड़ रुपये के अज्ञात आय के मामले में नोटिस दिया है. वाड्रा को अपना पक्ष रखने के लिए 30 दिन की मोहलत दी गई है. यह मामला स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी से जुड़ा हुआ है. इसमें वाड्रा के पास 99% का मालिकाना हक है. वाड्रा ने इस मामले को पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. दोनों ही जगह उनकी मांग खारिज कर दी गई. वाड्रा ने इनकम टैक्स के नोटिस को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि उनकी कंपनी लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप में थी, जबकि इनकम टैक्स के नोटिस में इसे प्राइवेट लिमिटेड पार्टनरशिप बताया गया है.
गौरतलब है कि पिछले साल ही प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में दो लोगों जयप्रकाश बागरवा और अशोक कुमार को गिरफ्तार भी किया था. अशोक कुमार स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के महेश नागर का करीबी सहयोगी है. दोनों को धन शोधन रोकथाम कानून पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया है.
आरोप है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी फर्म कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी है. एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में कुमार और नागर के परिसरों की तलाशी ली थी. ऐसा कहा जाता है कि इस फर्म द्वारा बीकानेर में जमीन खरीद के चार मामलों में आधिकारिक प्रतिनिधि नागर ही था.
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कुमार ने अन्य लोगों की पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल कर इसी क्षेत्र में जमीन खरीदी थी. प्रवर्तन निदेशालय ईडी की यह जांच कुछ वर्ष पहले राजस्थान में बीकानेर जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा कथित रूप से 275 बीघा जमीन खरीदे जाने से जुड़ी है.
पीएमएलए के तहत ईडी ने इस संबंध में कई सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों की 1.18 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति कुर्क की है. ईडी ने इस संबंध में 2015 में मामला दर्ज किया था. रॉबर्ट वाड्रा की तरफ से जमीन खरीदने की अथॉरिटी महेश नागर के पास थी. दूसरी पार्टी की तरफ से अथॉरिटी अशोक कुमार के पास थी.