जम्मू: सुरक्षाबलों को कश्मीर में अब उन 8 आतंकी कमांडरों की तलाश है जो पिछले कई सालों से सक्रिय हैं। ये सभी बुरहान वानी के साथ ही आतंकवाद ही राह पर चले थे पर अभी तक हाथ नहीं आए हैं। इनमें हिज्ब कमांउर रियाज नायकू, आदिल, शिराजी, हमाद, फारूक बिजरान, जुनैद सहराई व समीर शामिल हैं। अधिकतर पर 10 से 15 लाख रूपयों का इनाम है। सभी को डबल ए श्रेणी में रखा गया है। ये सभी स्थानीय आतंकी हैं जो कश्मीर में अब नई भर्तियों तथा युवकों को बरगलाने के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं। रियाज नायकू 2012 से मैदान में है जबकि कुछेक ने बुरहान वानी की मौत के बाद हथियार उठाए हैं। बीच-बीच में इनमें से कई लापता भी हो जाते हैं और फिर अचानक सामने आ जाते हैं। सीमा पार बैठे उनके आका इन आतंकी कमांडरों को सुरक्षाबलों पर हमलों से दूर रहने की हिदायतें दे रहे हैं। दरअसल भर्ती में कमी होने तथा सुरक्षाबलों के दबाव के बढ़ जाने से मारे जाने वाले आतंकियों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस साल भी अभी तक 90 आतंकी ढेर हुए हैं जबकि पिछले साल 270 मारे गए थे। अधिकारी कहते हैं कि अगर वे इन कमांडरों को मार डालने में कामयाब होते हैं तो एक हद तक आतंकवाद पर रोक लगेगी क्योंकि नई भर्ती मुश्किल होगी और बिना कमांडरों के आतंकियों की फौज का मनोबल टूट जाएगा। बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में मारे जाने वाले आतंकियों में से हर दूसरा आतंकी कमांडर ही था। यह पाकिस्तान की नई रणनीति है जिसके तहत वह आतंकी नहीं बल्कि अब कमांडर भर्ती किए जा रहे हैं।
कश्मीर में 8 आतंकी कमांडरों की तलाश, जो कई सालों से हाथ नहीं आ रहे
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