नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय जम्मू-कश्मीर में संचार व्यवस्था कथित रूप से बाधित होने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 16 सितंबर को सुनवाई करेगा। कश्मीर टाईम्स के कार्यकारी संपादक अनुरुद्ध भसीन के अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के एक माह बाद भी घाटी में ब्लैकआउट की स्थिति है। मीडिया को घाटी में कहीं आने जाने की इजाजत नहीं है। साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध करते हुए इसे झूठा दावा बताया। उन्होंने श्रीनगर से प्रकाशित होने वाले ककई समाचार पत्र पेश किए। मेहता ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि कश्मीर टाईम्स के संपादक ने समाचार पत्र नहीं निकालने को चुना है। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायालय में कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों में एक-एक करके ढील दी जा रही है। पीठ ने भसीन और अन्य याचिकाओं पर कोई आदेश पारित नहीं किया और सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तारीख तय की। इससे पहले 28 अगस्त को सुनवाई के दौरान पीठ ने भसीन और तहसीन पूनावाला की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था। दोनों याचिकाओं में अगस्त से घाटी में मीडिया और संचार साधनों पर पाबंदी का उल्लेख किया गया था। कश्मीर टाईम्स के कार्यकारी संपादक अनुरुद्ध भसीन के अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के एक माह बाद भी घाटी में ब्लैकआउट की स्थिति है। मीडिया को घाटी में कहीं आने जाने की इजाजत नहीं है।
कश्मीर में संचार व्यवस्था पर 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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