नई दिल्ली: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली बीजेपी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करती है तो भारत के साथ शांति वार्ता के लिए बेहतर माहौल बन सकता है. इमरान खान ने यह भी कहा कि अगर भारत में अगर अगली सरकार विपक्षी पार्टी कांग्रेस की अगुवाई में बनती है तो वह राइट विंग वाली पार्टी बीजेपी से डर कर कश्मीर के मुद्दे को पाकिस्तान के साथ बातचीत के जरिए हल करने से पीछे हट सकती है. विदेशी पत्रकारों के साथ बातचीत में इमरान खान ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो कश्मीर मुद्दे का कोई हल निकल सकता है.
2018 के अगस्त में प्रधानमंत्री बने इमरान खान ने कहा कि मोदी के शासन में कश्मीर ही नहीं, पूरे भारत में मुसलमान बड़े पैमाने पर अलगाव महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं कभी सोच भी नहीं सकता जो इस समय भारत में हो रहा है. मुस्लिम होने की वजह से उन पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह पीएम मोदी ‘भय और राष्ट्रवादी भावना’ के आधार पर चुनावी प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से दशकों पुराने विशेष अधिकारों का प्रस्ताव को खत्म करने का संकल्प लिया है,
जिसके तहत किसी बाहरी व्यक्ति के राज्य में संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध है, यह एक बड़ी चिंता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ चुनावी स्टंट हो सकता है. इमरान खान ने भारत को एक जैतून शाखा देने की पेशकश करते हुए कहा कि इस्लामाबाद देश के सभी पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और इस कार्यक्रम के लिए सरकार को पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना का पूरा समर्थन था.
ध्वस्त किए जाने वालों में कश्मीर में शामिल समूह शामिल हैं. इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में एक राजनीतिक संघर्ष था. सैन्य ताकत से इस मुद्दे का हल नहीं निकाला जा सकता. अगर पाकिस्तान की तरफ से हथियारबंद आतंकी कश्मीर जाते हैं तो भारतीय सेना उन पर कार्रवाई करेगी. बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते अधिक तनावपूर्ण हो गए. आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गये थे, जिसके बाद बारत ने जैश के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया था.