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कर्मचारी संगठनों ने की मांग-कोरोना थमने तक‍ टाल दें पंचायत चुनाव, बहिष्‍कार की दी चेतावनी

अशाेक यादव, लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी द्वारा पंचायत चुनाव मे डियुटी के दौरान हो रही कार्मिकों को परेशानी, दिक्कत और इस दौरान कोरोना संक्रमण के डर से मची हाय तौबा के बीच पदाधिकारियों से वीडियों कान्फेसिंग करते हुए चर्चा की गई।

वीडियों कान्फेसी के उपरान्त निर्णय लिया गया कि इस सम्बंध में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया जाए कि जनहानि के बीच पंचायत चुनाव व्यवहारिक नही हैं।

इसके बावजूद अगर पंचायत चुनाव में कार्मिको को चुनाव डियुटी में लगाया जा रहा है तो ऐसे कार्मिकों की डियुटी लगाई जाए जो वैक्सीन डोज ले चुके है। इसके उपरान्त उन्हें पर्याप्त सुरक्षा किट जिसमें पीपीई किट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए।

इस वीडिया कान्फेसिंग में वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह महामंत्री शिव बरन सिंह यादव अविनाश श्रीवास्तव संजीव गुप्ता अमिता त्रिपाठी सुभाष तिवारी आदि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अगर इन परिस्थितियों में भी सरकार इन मांगों को संज्ञान में नही लेती है तो हम चुनाव बहिष्कार का भी निर्णय लेंगे।

परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्य निर्वाचन आयुक्त को अवगत कराया है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी कर रहे कार्मिकों को आ रही समस्याओं के संबंध में पहले भी अवगत करवाया गया था।

कोरोना महामारी की भयावह स्थितियों के बाद भी पंचायत चुनाव संपन्न कराने में जिम्मेदारी निभा रहे कार्मिकों के लिए जरूरी सुविधाएं देने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए जिम्मेदार लोगों का रवैया बहुत गैरजिम्मेदाराना, असंवेदनशील और अमानवीय है। प्रतिदिन पंचायत चुनाव में लगे कार्मिकों की कोरोना संक्रमण से असमय दुखद मृत्यु की खबरें पूरे कर्मचारी समाज को हिला दे रहीं हैं ।

इन भयावह स्थितियों में अगर प्रदेश के नागरिकों की सेवा करते हुए , सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में , राहत , मदद पहुंचाने में अगर क्षतियां होती है तो आपात स्थिति में उन्हें बर्दास्त किया जा सकता है लेकिन पंचायती चुनाव में इतनी जनहानि को बर्दास्त करना व्यवहारिक नहीं प्रतीत होता है।

अगर चुनाव रोकना संभव,व्यवहारिक न हो तो कम से कम बाकी दो चरणों के चुनाव में लगे कार्मिकों को कुछ सुविधाएं ही मुहैया करा दी जाएं। शासन के समक्ष मांग रखी गई है कि चुनाव ड्यूटी में लगे सभी कार्मिकों को अभियान चलाकर , चुनाव ड्यूटी स्थल पर ही वैक्सीन लगाया जाना।

जिन कार्मिकों को डाइबिटीज रक्त चाप या फेफड़े आदि से संबंधित कोई बीमारियां पूर्व से हैं,उन्हें अनिवार्यता चुनाव ड्यूटी से मुक्त करना। ब्लाक या अन्य जगहें जहां ड्यूटी की जा रही है , भीड़ पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की व्यवस्था करना,ड्यूटी के समय अगर कोई कार्मिक संक्रमित होता है तो उसके उचित इलाज की व्यवस्था की जाए।

सभी कार्मिकों को पीईपी किट उपलब्ध कराई जाए। पति पत्नी यदि दोनों सेवा में है तब उनमें से पत्नी की ड्यूटी काटी जाए।विकलांगता होने पर भी ड्यूटी में नहीं लगाया जाना चाहिए। 55 वर्ष के ऊपर के सभी कार्मिक क्योंकि कहीं ना कहीं रोग ग्रस्त होते हैं उन्हें इस ड्यूटी में नहीं लगाया जाना चाहिए।

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