लखनऊ : कर्नाटक विधानसभा चुनाव से सबक लेकर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा की है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कुमारस्वामी की मौजूदगी में इसकी घोषणा की. चुनाव पूर्व गठबंधन बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है. कल चार लोकसभा सीटों और 12 विधानसभा सीटों के आए परिणामों में विपक्षी एकता के आगे बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. महागठबंधन से निपटने के लिए बीजेपी को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी.
बसपा के साथ की संभावना
विधानसभा चुनाव में जेडीएस ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन किया था ताकि दलित वोट बटोरे जा सकें. चुनाव में बसपा को एक सीट भी मिली थी. अब लोकसभा चुनाव में जेडीएस के साथ बसपा का गठबंधन जारी रहने की पूरी उम्मीद है. तो इस तरह से बसपा-जेडीएस और कांग्रेस के महागठबंधन का सामना बीजेपी को करना होगा जो कि उसके लिए आसान नहीं होगा
6 जून से मंत्रिमंडल का विस्तार
इसके साथ ही कर्नाटक में मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे की रूपरेखा तैयार हो गई है. केसी वेणुगोपाल इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जेडीएस को वित्त विभाग मिला है. सब कुछ फाइनल हो गया है. इससे पहले कर्नाटक के मुख्मयंत्री एचडी कुमारस्वामी ने नए मंत्रियों के शपथग्रहण की तारीखों पर चर्चा के लिए राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला से भेंट की. उनके साथ उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जी परमेश्वर भी थे.
जेडीएस ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा एवं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ बातचीत के बाद कर्नाटक में विभागों के बंटवारे को लेकर गतिरोध पूरी तरह खत्म हो गया है. जेडीएस महासचिव दानिश अली ने बताया, “आज दिन में करीब 12:30 बजे राहुल गांधी और देवगौड़ा के बीच फोन पर बात हुई. अब तक किसी तरह का कोई गतिरोध नहीं है.”
कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने के बाद से ही दोनों दल विभागों के बंटवारे को लेकर मंथन कर रहे थे और पिछले एक सप्ताह में दोनों दलों के नेताओं ने कई बार बैठकें कीं. गठबंधन सरकार में कांग्रेस कोटे से 21 और जद(एस) के कोटे से 11 मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है. कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ ही कांग्रेस के जी परमेश्वर ने भी शपथ ली थी जो इस गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री होंगे.