लखनऊ: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। 122 सीटों के रुझानों में भाजपा ने बड़ी बढ़त बनाई है। भाजपा 114 कांग्रेस 62, जेडीएस 44 व अन्य दो सीट पर आगे है। इस बीच, बेंगलूरू में भाजपा कार्यालय में जश्न भी शुरू हो गया है। इधर, कर्नाटक चुनाव के नतीजे से सेंसेक्स में 400 अंक से ज्यादा का उछाल आया है।
224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर शनिवार को मतदान हुआ था। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। मतदान के बाद विभिन्न चैनलों पर प्रसारित एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसी स्थिति में अगली सरकार के गठन में जदएस की भूमिका अहम हो सकती है।
पांच चैनलों के एग्जिट पोल में भाजपा को और चार चैनलों के एग्जिट पोल में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिखाया गया है। हालांकि, दो-दो चैनलों के एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस को बहुमत का अनुमान भी व्यक्त किया गया है। मतगणना के जो भी नतीजे आएं पर सरकार गठन की ये संभावनाएं हो सकती हैं:
बहुमत में आयी भाजपा तो येद्दियुरप्पा होंगे कर्नाटक के अगले सीएम
भाजपा अगर बहुमत का आंकड़ा हासिल करने में कामयाब रही तो स्पष्ट तौर पर बीएस येद्दियुरप्पा ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी किसी दलित चेहरे को उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है। अगर दो-चार सीटें कम पड़ीं तो निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाया जा सकता है।
कांग्रेस को मिला बहुमत तो सिद्दरमैया होंगे राज्य के सीएम
कांग्रेस को बहुमत मिला तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सिद्दरमैया ही राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। ऐसे में दलित मुख्यमंत्री की मांग के मद्देनजर पार्टी किसी दलित को उपमुख्यमंत्री बना सकती है। एक संभावना किसी लिंगायत को उपमुख्यमंत्री बनाने की भी है। अगर पार्टी बहुमत के आंकड़े से दो-चार सीटें पीछे रह गई तो निर्दलीय विधायक ही उसका सहारा बनेंगे।
इस स्थिति में भाजपा को जदएस के समर्थन की जरूरत होगी। अगर जदएस 40-50 सीटें हासिल करने में सफल रहा तो 30-30 (आधा-आधा कार्यकाल) फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है। लेकिन तब भी भाजपा पहला कार्यकाल जदएस को देने पर शायद ही सहमत हो क्योंकि पूर्व में कुमार स्वामी भाजपा के साथ समझौता करके उससे मुकर चुके हैं।