लखनऊ: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के नतीजे तो आ गए हैं, लेकिन अभी भी सरकार किसकी बनेगी यह साफ नहीं हुआ है. सरकार बनाने को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस लगातार मोर्चेबंदी कर रही हैं. बीजेपी कह रही है कि उनके संपर्क में जेडीएस-कांग्रेस के विधायक हैं, तो वहीं कांग्रेस अपने विधायकों को रिजॉर्ट में ले जा सकती है. बेंगलुरु में बुधवार को बैठकों का दौर भी जारी है, कांग्रेस-जेडीएस-बीजेपी अपने विधायकों के साथ बैठक करने में लगे हुए हैं.
भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए पूरे जोर लगा रही है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी कांग्रेस के लिंगायत विधायकों के संपर्क में हैं. इसके लिए पार्टी लिंगायत मठों से संपर्क साध रही है, जिससे लिंगायत समुदाय के विधायक येदियुरप्पा के संपर्क में आ जाएं. इसके अलावा बीजेपी को राज्यपाल के फैसले का भी इंतजार है.
जेडीएस के दो और कांग्रेस के 12 विधायक बैठक से गायब
जेडीएस के कुमारस्वामी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी हमारे विधायकों को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए की पेशकश कर रही है. बीजेपी के पास नंबर नहीं हैं, हमारे पास बहुमत का पूरा आंकड़ा है. आपको बता दें कि कुमारस्वामी को जेडीएस विधायक दल का नेता चुना गया है. जेडीएस भी अपने विधायक दल की बैठक कर रही है, लेकिन अभी तक दो विधायक नहीं पहुंचे हैं.
कांग्रेस अपने विधायकों की बैठक कर रही है, लेकिन अभी तक 78 में से 66 विधायक ही बैठक में पहुंचे हैं. पार्टी का कहना है कि बाकी विधायक रास्ते में हैं और जल्द ही पहुंचेंगे. बी. एस. येदियुरप्पा और प्रकाश जावड़ेकर राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंच गए हैं. चार कांग्रेस विधायक पार्टी के संपर्क में नहीं, पार्टी उन्हें लेने के लिए बिदर और कलबुर्गी में हेलिकॉप्टर भेज सकती है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी उसके विधायकों को डराने धमकाने की कोशिश कर रही है, यही कारण है कि पार्टी की ओर से विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं. कांग्रेस ने इग्लटन रिसॉर्ट में अपने विधायकों के लिए कमरे बुक करवाए हैं. बताया जा रहा है कि 120 कमरे बुक कराए गए हैं. कांग्रेस सभी विधायकों को सरकार बनने तक यहीं पर रहने को कह सकती है जिससे बीजेपी उनसे संपर्क ना कर पाए.
बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि बीजेपी उनके विधायकों को धमका रही है. उन पर दबाव बना रही है, उसे लोकतंत्र में भरोसा नहीं है. आजाद ने कहा कि अगर राज्यपाल ने संवैधानिक मूल्यों का पालन नहीं किया और हमें सरकार बनाने के लिए निमंत्रित नहीं किया, तो यहां खूनी संघर्ष होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों के असंतुष्ट होने की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लेकिन वास्तव में बीजेपी असंतुष्ट है.
हालांकि इन सबके बीच सभी की राज्यपाल पर टिकी हैं कि सरकार बनाने के लिए वे पहले किसको निमंत्रित करते हैं. राज्यपाल के पास अभी दो विकल्प हैं, पहला ये कि वे सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को पहले बुलाएं और बहुमत साबित करने के लिए कहें या फिर जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए न्यौता दें, जोकि जादुई आंकड़े का दावा कर रहे हैं.